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'नाटो 2024 तक अफगान सुरक्षाबलों का सैन्य खर्चा उठाएगा'

नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि हमने स्थिति में सुधार होने तक अफगानिस्तान का सैन्यखर्चा उठाने का फैसला किया है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 10:06 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 11:24 AM (IST)
'नाटो 2024 तक अफगान सुरक्षाबलों का सैन्य खर्चा उठाएगा'
'नाटो 2024 तक अफगान सुरक्षाबलों का सैन्य खर्चा उठाएगा'

ब्रसेल्स (आईएएनएस)। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने 2024 तक अफगानिस्तान में सुरक्षाबलों को तैनात रखने और अफगान सुरक्षाबलों का सैन्य खर्चा उठाने का फैसला किया है। सिन्हुआ ने नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग के हवाले से बताया, "हमने स्थिति में सुधार होने तक अफगानिस्तान में सेना की मौजूदगी बनाए रखने का फैसला किया है।"

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उन्होंने कहा, "हम 2024 तक अफगान सुरक्षाबलों का वित्तपोषण करेंगे। इससे उन्हें अपने विशेष बलों को विकसित करने में मदद मिलेगी ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ना जारी रख सके।" नाटो ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के शांति प्रस्ताव के प्रति सहयोग जताया है।

सदस्य देशों का खर्चा दोगुना करने का ट्रंप का सुझाव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो देशों को अपना रक्षा खर्च चार फीसदी बढ़ाने का सुझाव दिया है। यह नाटो के दो फीसदी लक्ष्य से दोगुना है। वहीं समूह के कई सदस्य इसे भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। 'सीएनएन' ने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स के एक बयान के हवाले से कहा, "नाटो शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति की बुधवार की टिप्पणियों में उन्होंने कहा कि देशों को रक्षा खर्च पर सिर्फ अपने जीडीपी के दो फीसदी की प्रतिबद्धता को ही नहीं पूरा करना चाहिए, बल्कि उन्हें इसे चार फीसदी तक बढ़ाना चाहिए।"

सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप ने नाटो में बीते साल भी 'इसी मुद्दे को उठाया था।' सैंडर्स ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप हमारे सहयोगियों को अधिक बोझ साझा करते हुए देखना चाहते हैं।"

नाटो के आंकड़ों के अनुसार, ट्रंप द्वारा जितना दूसरे देशों से खर्च किए जाने की बात कही जा रही है, उतना अमेरिका भी खर्च नहीं करता है। इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपनी जीडीपी का 4.2 फीसदी रक्षा पर खर्च कर रहा है।

नाटो महासचिव ने स्वाकीर की असहमति की बात

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव ने ब्रसेल्स में शिखर सम्मेलन के पहले दिन के समापन के बाद बुधवार को स्वीकार किया कि सहयोगी सदस्य देशों के बीच की असहमति अभी दूर नहीं हुई है।

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने हालांकि कहा कि व्यापार जैसे क्षेत्रों में सर्वसम्मति की कमी ने सदस्य देशों को गठबंधन मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने से नहीं रोका था जिसमें गठबंधन वार्ता शुरू करने के लिए मैसेडोनिया को आमंत्रित करने पर सहमत होने जैसा निर्णय भी शामिल है।

उन्होंने कहा, "आज हमने जो निर्णय लिया है, वह दिखाता है कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका एक साथ काम कर रहे हैं। हम अपने लगभग एक अरब नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


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