म्यांमार में भूस्खलन ने मचाई भारी तबाही, 113 से अधिक लोगों की मौत, कई लापता
उत्तरी म्यांमार के कचिन प्रदेश के पेकान इलाक़े में स्थित जेड खदान में भूस्खलन होने के कारण करीब 113 लोगों की मौत हो गई है।
यांगून, आइएएनएस। दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी से मचे हाहाकार के बीच म्यांमार में भूस्खलन ने भारी तबाही मचा जी है। उत्तरी म्यांमार के कचिन प्रदेश के पेकान इलाके में स्थित जेड खदान में भूस्खलन होने के कारण करीब 113 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को हुए इस हादसे में कम से कम 113 शव अब तक बरामद किए गए हैं। वहीं, कई लोग अभी भी लापता हैं। साइट पर अभी भी लापता लोगों के लिए बचाव कार्य जारी है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने एक बचाव कर्मी के हवाले से बताया कि 304 मीटर से अधिक ऊंची चट्टान ढह गई, बारिश के कारण पानी भर जाने के बाद ये भूस्खलन हुआ। अग्निशमन सेवा विभाग के अनुसार दुर्घटना सुबह करीब 8 बजे हुई है। सूचना मंत्रालय के एक स्थानीय अधिकारी टार लिन माउंग ने कहा कि अभी तक 100 से अधिक शव बरामद किए गए हैं। अभी और शव कीचड़ में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। बता दें कि जेड की इन खदानों में पहले भी भूस्खलन से कई लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे के वक्त मौजूद लोगों ने बताया कि उन्होंने देखा कि कुछ लोग मलबे पर मौजूद थे जो ढहने की कगार पर था। देखते ही देखते थोड़ी देर में पहाड़ी से पूरा मलबा भरभराकर नीचे आ गिरा। जिसकी चपेट में आने से लोग मारे गए।
जेड की भूमि के रूप में जाना जाने वाला काचिन राज्य में घातक भूस्खलन अक्सर होता है। कई स्थानीय लोग इस क्षेत्र में जीवन यापन करते हैं। ज्यादातर भूस्खलन बांधों के आंशिक रूप से गिरने के कारण होते हैं। नवंबर 2015 में इस क्षेत्र में हुए एक बड़ा भूस्खलन में कम से कम 116 लोगों की मौत हो गई थी।
बता दें कि म्यांमार में दुनिया में सबसे अधिक जेड पत्थर या हरिताश्म यानी हरे रंग के कीमती रत्न पाए जाते हैं।म्यांमार हर साल जेड पत्थरों का लगभग 30 अरब डॉलर का कारोबार करता है।