Move to Jagran APP

कोरोना की जांच के लिए 100 से अधिक देशों ने दक्षिण कोरिया से मदद मांगी, जानिए कैसे पूरी दुनिया में अच्‍छी छवि बनी

दुनिया के सौ से अधिक देशों ने कोरोना वायरस की जांच में दक्षिण कोरिया से मदद मांगी है। यह जानकारी दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 09:57 PM (IST)
कोरोना की जांच के लिए 100 से अधिक देशों ने दक्षिण कोरिया से मदद मांगी, जानिए कैसे पूरी दुनिया में अच्‍छी छवि बनी

सोल, रायटर। दुनिया के सौ से अधिक देशों ने कोरोना वायरस की जांच में दक्षिण कोरिया से मदद मांगी है। यह जानकारी दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को दी। प्रवक्ता ने बताया कि उनके देश में बड़े पैमाने पर चलाए गए जांच अभियान का परिणाम काफी अच्छा रहा। इससे हम लोगों ने न केवल संक्रमितों की पहचान कर ली बल्कि संक्रमण फैलने की रफ्तार पर भी काबू पा लिया। जबकि कभी हमारे यहां चीन के बाद सर्वाधिक मामले थे।

loksabha election banner

बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण से दुनिया भर में बनी अच्छी छवि

प्रवक्ता ने बताया कि हमारी सफलता और अनुभव को देखकर अन्य देश हमसे मदद मांग रहे हैं। अब तक 121 देशों ने हमसे मदद की गुहार लगाई है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। राजनयिक संवेदनशीलता के चलते हम उनका नाम नहीं बता सकते। हम लोगों ने एक ऐसी टास्क फोर्स बनाई है जो यह तय करेगी कि मदद किस रूप में की जाए।

अमेरिका और इटली जैसे देशों से मिले हैं जांच किट के लिए ऑर्डर 

प्रवक्ता ने भले ही मदद मांगने वाले देशों के नाम न बताए हों लेकिन जांच किट बनाने वाली कोरियाई कंपनियों को जिन देशों के आर्डर मिले हैं, उनमें अमेरिका और इटली जैसे देश शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरियाई राष्ट्रपति से पिछले सप्ताह जांच किट और अन्य उपकरण की सप्लाई की मांग करते हुए संबंधित फर्मों को अमेरिकी नियमों में रियायत देने की घोषणा की है।

जांच किट बनाने वाली फर्मों ने तीन गुना उत्‍पादन बढ़ाया जांच किट बनाने वाली दक्षिण कोरियाई बायोटेक फर्मो ने दुनिया भर से आ रही मांग को पूरा करने के लिए अपना उत्पादन बढ़ा दिया है। कुछ शीर्ष कंपनियों ने तो अपना उत्पादन तीन गुना तक कर दिया है। दक्षिण कोरिया इस समय फिनलैंड की हेल्थकेयर फर्म मेहिलाइनेन द्वारा भेजे गए जांच नमूनों का विश्लेषण कर रहा है। यह फर्म अगले दो सप्ताह में 18000 संक्रमितों के जांच नमूने कोरिया भेजेगी। यह जानकारी फर्म और कोरियाई स्वास्थ्य प्रशासन के प्रतिनिधि ने संयुक्त रूप से दी।

फिनलैंड के रोगियों के जांच नमूनों का विश्‍लेषण कर रहा है दक्षिण कोरिया 

फिनलैंड की कई बड़ी कंपनियां इस फर्म की क्लाइंट हैं। फर्म का कहना है कि कोरियाई लोगों को इस मामले में बेहतर जानकारी है। हम लोग चार्टर्ड फ्लाइट से ये नमूने वहां भेज रहे हैं। लौटते में इस विमान से बचाव अभियान में लगे कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण लाऐ जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस फैलने से फिनलैंड का स्वास्थ्य ढांचा बुरी तरह लड़खड़ा गया है। जांच और इलाज के लिए रोजाना इतने आ रहे हैं कि उन्हें ठीक से संभालना मुश्किल हो रहा है। जहां तक दक्षिण कोरिया की बात है तो आपको बता दें कि यहां पर 9661 लोग अब भी इस वायरस से संक्रमित हैं। बीते 24 घंटों में यहां पर 78 मामले नए आए हैं। लेकिन जिस तेजी से यहां पर इसके मामले सामने आए थे उस हिसाब से दक्षिण कोरिया ने अपने यहां पर बेहद सूझबूझ का परिचय देते हुए इस पर काफी हद तक काबू पाया है।

दक्षिण कोरिया ने ट्रिपल टी के फार्मूले पर काम कर लगाई कोरोना पर रोक 

यहां पर बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने ट्रिपल टी फार्मूले पर काम किया। इसमें पहले मरीज की पहचान फिर उसकी जांच और फिर इलाज शामिल था। अंग्रेजी में कहें तो इसको Trace-Test-Treat कहा जाएगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि यहां पर इसका पहला मामला 20 जनवरी को सामने आया था। एक महिला को जांच के बाद इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। ये महिला कुछ समय पहले ही वुहान से वापस आई थी। इसके बाद यहां पर बड़ी तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ गए थे। इसके पीछे वजह बनी थी शिंकॉन्‍जी चर्च।

चर्च की प्रार्थना में शामिल लोगों को किया गया था ट्रेस 

दरअसल, जो महिला वुहान से वापस लौटी थी उसने इस चर्च की प्रार्थना सभा में हिस्‍सा लिया था। इसके बाद यहां शामिल हुए ज्‍यादातर लोग इसकी चपेट में आ गए थे। मामला सामने आते ही और मरीज की लोकेशन ट्रेस होते ही प्रशासन ने सबसे पहले इस चर्च के सभी दो लाख सदस्‍यों की सूची हासिल की। इसके बाद इन सभी की जांच की गई भले ही उस दिन वो व्‍यक्ति चर्च में गया था या नहीं। इस दौरान सभी को क्‍वारंटाइन किया गया। जो इस जांच के बाद संक्रमित पाए गए उनका पूरा इलाज किया गया।

यहां पर मामलों पर काबू पाने लिए सरकार और प्रशासन ने मिलकर क्‍वारंटाइन का कड़ाई से पालन करवाया। देश में इसके लिए नए नियम बनाए गए और इन नियमों को तोड़ने पर जुर्माने की राशि को दो लाख से बढ़ाकर सात लाख तक कर दिया गया। सजा के तौर पर नए नियम में एक साल की सजा का भी प्रावधान किया गया। ट्रिपल टी के फार्मूले से सरकार को दक्षिण कोरिया में इस वायरस के मरीजों की संख्‍या को बढ़ने से रोकने में काफी मदद मिली। इसी फार्मूले को बाद में इटली के 'वो' सिटी में आजमाया गया और वहां पर भी ये फार्मूला काफी कारगर साबित हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.