दुनिया भर में अपना नेटवर्क फैलाने में कामयाब रहे खूंखार आतंकवादी, लेकिन...
रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में आतंकवादियों का जाल तेजी से फैल रहा है लेकिन आतंकवादी हत्या में गत वर्षों की तुलना में भारी कमी देखी गई है।
पेरिस, जागरण स्पेशल । यह खबर देश दुनिया के लिए राहत भरी हो सकती है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में आतंकवादियों का जाल तेजी से फैल रहा है, लेकिन आतंकवादी हत्या में गत वर्षों की तुलना में भारी कमी देखी गई है। यानी दुनियाभर में चरमपंथी हिंसा या आतंकवाद से प्रभावित देशों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन आतंकवाद से जुड़ी हत्याओं में कमी देखी गई है।
इसका श्रेय निश्चित रूप से दुनियाभर के आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य बलों द्वारा चलाए गए अभियान काे जाता है। खासकर अमेरिका ने जिस तरह से आइएस के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। इसी तरह से भारत समेत कई देशों ने भी अपने यहां आतंकवादियों का खात्मे का प्रण ले रखा है। कई देशों ने अपने मुल्क में आइएस संगठन को समूल नष्ट करने का ऐलान किया है। इस तरह से यह साफ है कि खूंखार आतंकवादी संगठन अपना नेटवर्क फैलाने में तो कामयाब रहे, लेकिन उनका जमीनी असर कम दिखा यानी वह विस्तार के मुताबिक, हत्याएं करने में कामयाब नहीं हो सके।
15.2 फीसद तक गिरावट दर्ज की गई
जी हां, 2019 के ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में गत वर्ष की तुलना में आतंकवादी हत्या में भारी गिरावट देखी गई है। यह गिरावट 15.2 फसीद तक है। यह तस्वीर तब सामने आई है, जबकि मध्य एशिया में हजारों की तादाद में जिहादी सक्रिय हैं। मध्य एशिया में इस्लामिक स्टेट के हजारों कार्यकर्ता मध्य एशिया के देशों में चरमपंथी गतिविधियों में लिप्त है।
वर्ष 2014 में आतंकवाद से जुड़ी सर्वाधिक हत्याएं हुईं
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में आतंकवाद से जुड़ी सर्वाधिक हत्याएं हुईं थी। इस वर्ष आतंकवाद से जुड़ी 33,555 लोगों की हत्याएं हुई थी। वर्ष 2018 में सबसे कम हत्याओं का रिकाॅर्ड दर्ज हुआ। आतंकवाद से जुड़ी कुल 15,952 हत्याएं इस वर्ष दर्ज की गई। इराक में चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। इराक में आतंकी हत्याओं में भारी गिरावट दर्ज किया गया। इस वर्ष इराक ने यह दावा किया था उसके देश में सक्रिय आइएस चरमपंथियों को खात्मा कर दिया गया है। उधर, सोमालिया में भी जहां अमेरिकी सेना 2017 के बाद से शबाब चरमपंथियों के खिलाफ हवाई हमले की कार्रवाई कर रही है।
यूरोप में जहां 2018 में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं
अफगानिस्तान में तालिबान आइएस का सर्वाधिक प्रभाव रहा। अफगान में तालिबान ने कुल 1,443 हमले किए। इन हमलों में 7,379 लोगों की मौत हुई। इसमें आम नागरिक और सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं। इराक में 1,131 हमले हुए, इन हमलों में 1,054 लोगों की मौत हुई। नाइजीरिया में 562 हमले हुए, जिसमें 56 लोग मारे गए। सीरिया 662 हमले हुए। यूरोप में जहां 2018 में कोई बड़ा आतंकी हमला दर्ज नहीं किया गया।