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नार्वे में देर रात तेज आवाज के साथ आकाश से गिरा उल्का पिंड, जानिए इसके बारें में पूरी जानकारी

आकाश में चमकने वाले तारे होते हैं जो आकर्षण बल कम होने के कारण अंतरिक्ष से गिर जाते हैं। वायुमंडल में आते ही पैदा होने वाले घर्षण से इनमें आग लग जाती है और उनका ज्यादातर हिस्सा जल जाता है। इसी के कारण वह जलते हुए धरती पर गिरते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 01:55 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 01:55 AM (IST)
नार्वे में देर रात तेज आवाज के साथ आकाश से गिरा उल्का पिंड, जानिए इसके बारें में पूरी जानकारी
उल्का पिंड ओस्लो से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर जंगली इलाका में गिरा

ओस्लो, रायटर। नार्वे में राजधानी ओस्लो के नजदीक रविवार देर रात तेज आवाज के साथ आकाश से उल्का पिंड गिरा। इस उल्का पिंड की आवाज और तेज चमक से लोगों में उसे लेकर कौतूहल पैदा हो गया। कुछ लोग डरे भी, लेकिन उसे लेकर लोगों में चर्चा भी खूब रही। उल्का पिंड से किसी तरह का नुकसान होने की फिलहाल कोई खबर नहीं है।

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भारत के इस राज्य में आसमान से गिरा उल्का पिंड, करोड़ों की है कीमत!

जंगली इलाके में गिरा उल्का पिंड

नार्वे का सरकारी महकमा उल्का पिंड गिरने की घटना का विश्लेषण कर रहा है। जिस स्थान पर उल्का पिंड गिरा है वह ओस्लो से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर जंगली इलाका है। दिन में सरकारी अधिकारी वहां पर जाएंगे और देखेंगे कि उल्का का कितना अस्तित्व बाकी बचा है और उससे कितना नुकसान हुआ है।

उल्का आकाश में चमकने वाले तारे होते हैं, आकर्षण बल कम होने के कारण अंतरिक्ष से गिर जाते हैं

उल्का वास्तव में आकाश में चमकने वाले तारे होते हैं जो आकर्षण बल कम होने के कारण अंतरिक्ष से गिर जाते हैं। वायुमंडल में आते ही पैदा होने वाले घर्षण से इनमें आग लग जाती है और उनका ज्यादातर हिस्सा जल जाता है। इसी के कारण वह जलते हुए धरती पर गिरते हैं।

मोर्टेन बिलेट ने कहा- मैंने उल्का पिंड को गिरते देखा

उल्का पिंड नेटवर्क के मोर्टेन बिलेट जिन्होंने उल्का पिंड को गिरते देखा, उन्होंने बताया कि यह बहुत तेज था। रविवार दोपहर तक इसका कोई मलबा नहीं मिला था। बिलेट का कहना है कि संभावित उल्का पिंडों की खोज में करीब 10 साल लग सकते हैं।

5-6 सेकेंड तक चमका उल्का पिंड

बिलेट ने बताया कि उल्का पिंड 15-20 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से बढ़ रहा था और आसमान में करीब 5-6 सेकेंड तक इसकी चमक दिखाई दी। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि उन्होंने इस घटना के साथ एक तेज हवा का झटका महसूस किया, जिससे दबाव की लहर भी पैदा हुई।

बिलेट ने कहा- एक्सपर्ट के लिए उत्साह

बिलेट ने कहा कि कल रात मंगल और बृहस्पति के बीच से एक बड़ी चट्टान के गुजरने करने की संभावना थी, जो कि हमारा क्षुद्र ग्रह बेल्ट है। जब वह गुजरता है तो एक गड़गड़ाहट और प्रकाश पैदा करता है। यह हम एक्सपर्ट के लिए एक उत्साह जबकि कुछ लोगों के लिए डर का विषय होता है।

2013 में रूस में गिरा था उल्का पिंड, 1200 लोग घायल हुए थे

2013 में रूस के चेलयाबिंन्स्क शहर के पास एक उल्का पिंड गिरा था। इसकी वजह से 1200 लोग घायल हुए थे और काफी इमारतों को नुकसान पहुंचा था।

भारत के इस राज्य में आसमान से गिरा था उल्का पिंड, करोड़ों की है कीमत!

इन दिनों दुनियाभर में उल्का पिंड को लेकर काफी ज्यादा चर्चा है। हाल ही में पृथ्वी के करीब से एक उल्का पिंड गुजरा था। जिसने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी लेकिन इन सब चर्चाओं के बीच राजस्थान के जालोर में आसमान से एक चीज आकर गिरी है। जिसके धमाके की आवाज 2 किमी दूर तक सुनाई दी। इस धमाके ने पूरे इलाके में हंगामा मचा दिया, लेकिन जब जांच की गई तो खुलासा हुआ कि आसमान से एक उल्का पिंड आकर राजस्थान की धरती पर गिरा है। जिसकी कीमत करोड़ों की हो सकती है। दरअसल ये उल्का पिंड राजस्थान के जलोर के संचौर चरखी गायत्री कॉलेज के पास गिरा था। जिससे जमीन पर एक फुट तक गड्ढा हो गया। 

उल्का पिंड का वजन 2 किलो 788 ग्राम

जालोर की गिरे इस उल्का पिंड को अब एक्सपर्ट्स ने अपने कब्जे में ले लिया है। जिसके बाद उल्का पिंड की जांच की जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस उल्का पिंड का वजन 2 किलो 788 ग्राम है। जिसमें कई तरह के धातु है। जांच में पता चला कि इस उल्का पिंड की ऊपरी सतह पर में धातु की मात्रा प्लेटीनम 0.05 ग्राम, नायोबियम 0.01 ग्राम, जर्मेनियम 0.02 ग्राम, आयरन 85.86 ग्राम, कैडमियम की मात्रा 0.01 ग्राम, निकिल 10.23 ग्राम पाई गई है लेकिन इस उल्का पिंड के अंदर भी धातु निकलते है तो इस उल्का पिंड की कीमत करोड़ों में हो सकती है।


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