यामीन बोले, जनता की इच्छा का सम्मान करते हुए वह पद छोड़ने को तैयार हैं
यामीन का कार्यकाल वैसे तो नवंबर में पूरा हो रहा है, लेकिन विपक्ष को आशंका है कि वह उसे फरवरी तक खींच सकते हैं।
माले, रायटर। अपने खिलाफ बह रही हवा की तपिश को महसूस करते हुए मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अंतत: पद छोड़ने का एलान कर दिया। बुधवार को यामीन ने कहा, उन्हें अपने फैसलों को लेकर कोई अफसोस या शिकायत नहीं है। वह किसी को सफाई भी नहीं देना चाहते। वह पद छोड़ने की तैयारी में लगे हुए हैं। यामीन का यह बयान चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है।
हिंद महासागर के मध्य स्थित छोटे से लेकिन रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मालदीव में सितंबर में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में जीत के सारे हथकंडे अपनाने के बावजूद यामीन की हार हुई। परिणाम की घोषणा के बाद यामीन ने अपना कार्यकाल पूरा होने पर 17 नवंबर को पद छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ ही दिन बाद वह बदल गए।
चुनाव में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी, लेकिन चुनाव आयोग, अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षकों और भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कड़े रुख के कारण यामीन को हार स्वीकार करने के फैसले पर वापस आना पड़ा।
बुधवार को टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए यामीन ने कहा, वह जनता की इच्छा का सम्मान करते हुए सत्ता में आए थे। उसी इच्छा का सम्मान करते हुए वह आज ही पद छोड़ने को तैयार हैं। उन्हें अपने फैसलों के लिए कोई अफसोस नहीं है। उन्हें कोई सफाई नहीं देनी है।
यामीन का कार्यकाल वैसे तो नवंबर में पूरा हो रहा है, लेकिन विपक्ष को आशंका है कि वह उसे फरवरी तक खींच सकते हैं। अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए यामीन देश में आपातस्थिति लगा सकते हैं। रविवार को सुप्रीम कोर्ट में यामीन की याचिका पर सुनवाई के समय हजारों देशवासियों ने नजदीक ही प्रदर्शन करके राष्ट्रपति को बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी।