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इराक में मिला दो हजार साल पहले गुम हुआ सिकंदर का बसाया शहर

पुरातत्वविदों ने इराक में एक प्राचीन शहर खोज निकाला है। विज्ञानियों का दावा किया है कि दो हजार साल पहले गुम हुए इस शहर को सिकंदर महान ने बसाया था।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 09:15 AM (IST)
इराक में मिला दो हजार साल पहले गुम हुआ सिकंदर का बसाया शहर
इराक में मिला दो हजार साल पहले गुम हुआ सिकंदर का बसाया शहर

लंदन (प्रेट्र)। पुरातत्वविद प्राचीन वस्तुओं की खोज के साथ ही इतिहास के अनछुए पहलुओं पर से पर्दा उठाने में जुटे रहते हैं। इसी कड़ी में अब पुरातत्वविदों ने इराक में एक प्राचीन शहर खोज निकाला है। विज्ञानियों का दावा किया है कि दो हजार साल पहले गुम हुए इस शहर को सिकंदर महान ने बसाया था।

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ड्रोन की मदद से हुई खोज : लंदन स्थित ब्रिटिश म्यूजियम के शोधकर्ताओं ने कलातगा दर्बंद के अवशेषों को ढूंढने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया। पुरातत्वविदों के मुताबिक, यह शहर उत्तरी इराक में स्थित था और यहां शराब का व्यवसाय किया जाता था। हालांकि, इसके बारे में इतिहास में कोई जानकारी दर्ज नहीं है। इराक इमरजेंसी हेरिटेज मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम में पुरातत्वविद जॉन मैकगिन्निस के मुताबिक, यह पहली बार साबित हुआ है कि पहली और दूसरी ईसा पूर्व शताब्दी में ऐसा कोई शहर था। हमने अभी शहर की खोज की है, लेकिन लगता है कि उस वक्त इराकईरान सड़क पर पड़ने वाला यह एक हलचल भरा शहर रहा होगा। बकौल जॉन, अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सड़क से जाने वाले सैनिकों को लोग शराब मुहैया करवाते होंगे। 

-इतिहास में गुमनाम शहर में होता था शराब का कारोबार
-इराक-ईरान मार्ग पर बसे होने से रहती थी हलचल

1960 में ली तस्वीरों से हुई तलाश
यह हैरानी की बात है कि अमरीकी सरकार ने 1960 में खुफिया सैटेलाइट से सेना के लिए कुछ तस्वीरें ली थीं और इन्हें 1996 में सार्वजनिक किया गया था। इन तस्वीरों के माध्यम से ही पुरातत्वविद इस शहर को ढूंढने में कामयाब रहे।

ग्रीको-रोमन देवताओं की मूर्तियां भी मिलीं

पुरातत्वविदों को खोज के दौरान ग्रीको-रोमन देवताओं की मूर्तियां भी मिली हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, शहर पर यूनानी प्रभाव बहुत था, जिससे पता चलता है कि यहां के रहने वाले लोग सिकंदर और उसके वंशजों के अधीन थे। दबे हुए शहर के स्थान की पुष्टि करने के लिए पुरातत्वविदों ने उसके ऊपर से ड्रोन उड़ाया। जब उन तस्वीरों को साफ किया गया तो दल ने उसमें से आयताकार भवन की रूपरेखा दिखी, जो गेहूं और जौ के खेत के नीचे थे। इसके बाद तलाश करने पर एक के बाद एक अवशेष सामने आते गए।

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