राष्ट्रपति मैत्रिपाल का आदेश-श्रीलंका में कब्जा मुक्त होगी सभी तमिलों की जमीन
टीएनए ने उनसे यह आग्रह किया था कि वह लोगों की उन सभी जमीनों को खाली करने का आदेश दें जिन पर सेना का कब्जा है।
कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन ने सभी तमिल नागरिकों की जमीन 31 दिसंबर तक कब्जा मुक्त करने का आदेश दिया है। इनकी जमीनों पर सेना ने लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) के साथ संघर्ष के दौरान कब्जा कर लिया था।
लिट्टे के साथ करीब तीन दशक तक चला सशस्त्र संघर्ष मई, 2009 में खत्म हुआ था। तब से ज्यादातर निजी जमीन मूल मालिकों को सौंपी जा चुकी है। यह हालांकि साफ नहीं है कि क्या सिरीसेन का यह नया आदेश प्रमुख तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) की मांग पर सामने आया है।
टीएनए का एक प्रतिनिधिमंडल बीते अगस्त में सिरीसेन से मिला था और कहा था कि गृहयुद्ध की समाप्ति के नौ साल बीत जाने के बावजूद कृषि और रिहायशी जमीनें सशस्त्र बलों के कब्जे में हैं। इस पर सिरीसेन ने टीएनए से कहा था कि सेना नागरिकों की 85 फीसद जमीन खाली कर चुकी है।
टीएनए ने उनसे यह आग्रह किया था कि वह लोगों की उन सभी जमीनों को खाली करने का आदेश दें जिन पर सेना का कब्जा है। संयुक्त राष्ट्र का आकलन है कि पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में सुरक्षा बलों द्वारा करीब 40 हजार तमिल नागरिक मारे गए थे। राजपक्षे के कार्यकाल में ही लिट्टे को परास्त कर तीन दशक तक चला संघर्ष खत्म किया गया था।