Move to Jagran APP

लैंसेट की रिपोर्ट का दावा, रूसी कोरोना वैक्सीन सुरक्षित, एंटीबॉडी बनाने में सक्षम, उत्‍पादन को लेकर भारत पर नजरें

लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्‍ययन में कहा गया है कि रूसी कोरोना वैक्‍सीन स्पूतनिक वी पूरी तरह सुरक्षित है और यह पर्याप्‍त मात्रा में एंटीबॉडी बनाने में भी सक्षम है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 06:23 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 06:31 AM (IST)
लैंसेट की रिपोर्ट का दावा, रूसी कोरोना वैक्सीन सुरक्षित, एंटीबॉडी बनाने में सक्षम, उत्‍पादन को लेकर भारत पर नजरें
लैंसेट की रिपोर्ट का दावा, रूसी कोरोना वैक्सीन सुरक्षित, एंटीबॉडी बनाने में सक्षम, उत्‍पादन को लेकर भारत पर नजरें

मॉस्को, एजेंसियां। कोरोना वायरस से निपटने के लिए रूस द्वारा तैयार की गई वैक्सीन एक और अध्ययन में सुरक्षित पाई गई है। सीमित संख्या में लोगों पर किए गए परीक्षण में इससे किसी तरह का नुकसान नजर नहीं आया है, बल्कि इसने एंटीबॉडी तैयार किए हैं। चिकित्सा जगत से जुड़ी खबरें और शोध प्रकाशित करने वाली लैंसेट की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रूस ने पिछले महीने स्पुतनिक 5 नामक यह वैक्सीन लांच की थी, उसके हफ्तों बाद उसके नतीजे प्रकाशित किए गए हैं।

loksabha election banner

76 लोगों पर परीक्षण 

लैंसेट ने अपनी रिपोर्ट में 76 लोगों पर वैक्सीन के प्रारंभिक चरण के परीक्षण के नतीजों की जानकारी दी है। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन की खुराक देने के बाद 42 दिनों लोगों पर नजर रखी गई। इस दौरान किसी को भी कोई परेशानी नहीं हुई। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित पाई गई और 21 दिन के भीतर सभी लोगों में एंटीबॉडी भी पैदा हो गए। शोधकर्ताओं के मुताबिक वैक्सीन ने 28 दिनों के भीतर वैक्सीन टी सेल यानी व्हाइट ब्लड सेल्स भी पैदा किए। शरीर में मौजूद टी सेल वायरस को मारने का काम करती है। 

ऐसे करती है काम 

रूस के गेमालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के अध्‍ययन में कहा गया है कि जब यह वैक्‍सीन शरीर में दाखिल होती है तो स्‍पाइक प्रोटीन जेनेटिक कोड डिलिवर करती है। स्‍पाइक प्रोटीन जेनेटिक कोड ही SARS-CoV-2 वायरस को पहचानने और हमला करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रेरित करने में मदद करता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, इस वैक्‍सीन का ट्रायल रूस के दो अस्‍पतालों में किया गया। इन परीक्षणों में 18 से 60 साल की उम्र के स्वस्‍थ्‍य वयस्क भी शामिल थे।

2-8 डिग्री सेल्‍सियस पर सुरक्षित  

अध्‍ययन के पहले चरण का नाम फ्रोजेन फॉर्मूलेशन दिया गया था। इसमें टीकों के लिए मौजूदा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल की परिकल्पना की गई। दूसरे चरण का नाम फ्रीज-ड्राइड फॉर्मूलेशन था जिसमें टीके के रख रखाव और दूरस्‍थ क्षेत्रों तक पहुंचाने के बारे में अध्‍ययन किया गया। पाया गया कि इस टीके को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत किया जा सकता है। बता दें कि स्पूतनिक वी का विकास गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मिलकर किया है।

परीक्षण के नतीजे उत्साहजनक

अध्ययन में वैक्सीन के तरल और पाउडर स्वरूप का परीक्षण किया गया। 18 से 60 साल के स्वस्थ लोगों पर यह परीक्षण किया गया। अमेरिका के जॉन हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के नाओर बार जीव परीक्षण के नतीजों को उत्साहजनक बताते हैं। नाओर परीक्षण करने वाली टीम का हिस्सा नहीं थी। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि परीक्षण का आकार बहुत छोटा है।

उत्‍पादन के लिहाज से भारत बेहद महत्‍वपूर्ण 

रूसी डाइरेक्‍ट इवेस्‍टमेंट फंड के सीईओ किरिल दिमित्रिव (Kirill Dmitriev) ने बताया कि दुनिया के सभी टीकों का लगभग 60 फीसद उत्पादन भारत में किया जा रहा है। हम भारतीय सरकार से इस टीके के स्‍थानीय प्रोडक्‍शन पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। हम न केवल भारतीय बाजारों में बल्कि अन्य देशों के लिए भी वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत की क्षमता को पहचानते हैं। हमने इस बारे में प्रमुख कंपनियों के साथ कुछ समझौते भी किए हैं। 

जानवरों पर प्रभावी दिखी जॉनसन की वैक्सीन 

यरूशलम से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा साझे में विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट को जानवर पर प्रभावी पाया गया है। जॉनसन एंड जॉनसन इजरायल की एक कंपनी के साथ मिलकर यह वैक्सीन तैयार कर रही है। गोल्डेन हैम्स्टर पर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि वैक्सीन निष्कि्रय एंटीबॉडी को सक्रिय कर प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाती है। वैक्सीन की खुराक लेने वाले हैम्स्टर पर कोरोना वायरस का असर नहीं हुआ।

वैक्सीन पर राष्ट्रवाद दिखाने से जटिल होगी महामारी : डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को दुनिया के देशों से मिलकर कोरोना महामारी का मुकाबला करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना वैक्सीन को लेकर देशों ने राष्ट्रवाद दिखाया तो महामारी से जल्दी छुटकारा नहीं मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.