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तीन घंटे चली बैठक में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत नहीं माने ओली, कल फिर होगी बैठक

पीएम केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड की रविवार को तीन घंटे चली बैठक भी आपसी मतभेद खत्म नहीं करा सकी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 03:47 AM (IST)
तीन घंटे चली बैठक में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत नहीं माने ओली, कल फिर होगी बैठक
तीन घंटे चली बैठक में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत नहीं माने ओली, कल फिर होगी बैठक

काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल में इस्तीफे की मांग का सामना कर रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड की रविवार को तीन घंटे चली बैठक आपसी मतभेद खत्म नहीं करा सकी। अब सोमवार को वे इसी मकसद से फिर साथ बैठेंगे। दोनों नेताओं के बीच एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत को लेकर गतिरोध बना हुआ है।

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रविवार की बैठक की समाप्ति पर प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने कहा, दोनों नेताओं की वार्ता सकारात्मक रही। उनके बीच पार्टी सेक्रेटेरिएट और स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाए जाने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में प्रस्तावित महाधिवेशन में पार्टी की एकजुटता बनाए रखने को लेकर सहमति बनी। लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर दोनों नेताओं में अभी भी सहमति नहीं बन पाई है।

इस वजह से वे सोमवार एक बार फिर साथ बैठेंगे और सभी मसलों का हल निकालने की कोशिश करेंगे। दोनों नेताओं की यह मुलाकात 28 जुलाई के बाद हुई है, जब प्रधानमंत्री आवास में हुई पार्टी की सर्वोच्च स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में ओली शामिल नहीं हुए थे। कार्यकारी अध्यक्ष की बुलाई बैठक को उन्होंने एकतरफा स्थगित करने की घोषणा कर दी थी।

नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री ओली के सहयोगी के तौर पर सुबाश नेम्बांग ने हिस्सा लिया, तो प्रचंड के साथ वरिष्ठ झालानाथ खनाल थे। सुबाश ओली और प्रचंड के बीच मध्यस्थ की भूमिका में हैं। हाल के हफ्तों में ओली और प्रचंड की नौ बैठकें हो चुकी हैं लेकिन उनके बीच के मतभेद बरकरार हैं। ओली पार्टी के बड़े वर्ग की एक व्यक्ति-एक पद की मांग मानने को तैयार नहीं हैं।

वह प्रधानमंत्री के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख भी बने रहना चाहते हैं। अभी दोनों पद उनके पास हैं। प्रचंड के नजदीकी नेता के अनुसार आशा है कि सोमवार की बैठक में यह गतिरोध दूर हो जाएगा। ओली एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत को मानने के लिए सहमत हो जाएंगे। दिसंबर में होने वाले पार्टी महाधिवेशन में उन्हें संसद (प्रतिनिधि सभा) के बाकी बचे ढाई साल तक सदन का नेता (प्रधानमंत्री) बनाए रखने का प्रस्ताव पारित हो जाएगा, जबकि पार्टी के चेयरमैन का पद प्रचंड को मिलेगा।


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