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काबुल में 'सुगंधित पाउडर' का निर्यात फिर से शुरू, जानें किन देशों में पहुंचा

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सुगंधित पाउडर का निर्यात फिर से शुरू हो गया है। हाल ही में चीन स्पेन और ब्रिटेन सहित कई देशों को 500 टन सुगंधित पाउडर का निर्यात किया है। सोमवार को अफगानिस्तान औद्योगिक संघ ने इसकी जानकारी दी।

By Pooja SinghEdited By: Tue, 30 Nov 2021 12:12 PM (IST)
काबुल में 'सुगंधित पाउडर' का निर्यात फिर से शुरू, जानें किन देशों में पहुंचा
काबुल में सुगंधित पाउडर का निर्यात फिर से शुरू, जानें किन देशों में पहुंचा

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सुगंधित पाउडर का निर्यात फिर से शुरू हो गया है। हाल ही में चीन, स्पेन और ब्रिटेन सहित कई देशों को 500 टन सुगंधित पाउडर का निर्यात किया है। सोमवार को अफगानिस्तान औद्योगिक संघ ने इसकी जानकारी दी।

एरियाना न्यूज ने एसोसिएशन के प्रमुख अब्दुल जब्बार सफी के हवाले से कहा, 'अफगानिस्तान ने हाल ही में पाकिस्तान, तुर्की, भारत, चीन, स्पेन और यूके को सुगंधित पाउडर का निर्यात किया है। निर्यात फिर से शुरू हो गया है और हम अपने निर्यात का विस्तार करना चाहते हैं।' एसोसिएशन ने तालिबान से खनन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए खनिजों के निष्कर्षण के लिए सुविधाएं प्रदान करने का भी आह्वान किया।

अफगानिस्तान पर तालिबान के राज के बाद क्या कुछ हुआ, वह किसी से छुपा नहीं है। और तो और मीडिया पर भी तालिबानियों ने राज कायम कर लिया है। एक एनजीओ के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, कुल 257 मीडिया आउटलेट 'वित्तीय चुनौतियों और प्रतिबंधों के कारण' बंद किए जा चुके हैं। टोलो न्यूज ने बताया कि एनएआई, समूह जो 2004 से अफगान मीडिया उद्योग की वकालत कर रहा है और उसे समर्थन दे रहा है।

एनएआई के अनुसार, 15 अगस्त को काबुल के तालिबान के हाथों में पहुंचने के बाद से 70 प्रतिशत से अधिक अफगान मीडियाकर्मी बेरोजगार हो गए हैं या देश छोड़कर चले गए हैं। रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि तालिबान शासन के 100 दिनों के दौरान, अज्ञात सशस्त्र लोगों के हमले, विस्फोट, आत्महत्या और यातायात की घटनाओं सहित विभिन्न घटनाओं में छह पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई है।

तालिबान के नेतृत्व वाली इस्लामिक अमीरात सरकार के अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि वे मीडिया की उपलब्धियों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन मीडिया संचालन के लिए इस्लामिक अमीरात के हाल में जारी कुछ आदेश ने सबकी चिंता बढ़ाई है।