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इटली की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी लेम्बोर्गिनी भी अब बनाएगी मास्क और प्रोटेक्टिव सूट

इटली की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी अब कोरोना वायरस से बचाने के लिए मास्क और प्रोटेक्टिव सूट का भी निर्माण करेगी। वो इन दोनों चीजों को इटली के एक अस्पताल को देगी।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 04:44 PM (IST)
इटली की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी लेम्बोर्गिनी भी अब बनाएगी मास्क और प्रोटेक्टिव सूट

रोम। इटली की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी भी अब कोरोना से निपटने के लिए मास्क और प्रोटेक्टिव सूट बनाने जा रही है। कंपनी ने अपनी एक यूनिट में कुछ मशीनों को बदल दिया है जिससे वहां पर इन चीजों का उत्पादन किया जा सके।

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लेम्बोर्गिनी के चेयरमैन और सीईओ स्टेफानो डोमोनीसी ने कहा कि मास्क और प्रोटेक्टिव सूट बन जाने के बाद उसको बोलोग्ना के सेंट सोला मालपीघी अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार कोरोना वायरस से अब तक लगभग 1,10,800 लोग संक्रमित है और 13, 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इतनी अधिक मौतों के साथ इटली पहले नंबर पर पहुंच गया है।

लेम्बोर्गिनी अपने इस प्लांट में एक दिन में 1,000 मास्क और 200 सुरक्षात्मक plexiglass कवच का उत्पादन करने जा रहा है। अपने प्लांट को मास्क और प्रोटेक्टिव सूट का निर्माण किए जाने में बदले जाने पर चेयरमैन स्टेफानो डोमोनीसी ने कहा कि इस तरह के आपातकाल के दौरान हमें ठोक कदम उठाने की जरूरत है। इस लड़ाई को हम साथ लड़कर जीत सकते हैं, हम हिम्मत से ही लड़ सकते हैं, इन दिनों हमें लग्जरी नहीं बल्कि जान बचाने वाली चीजों की आवश्यकता है, हम उसी के लिए काम करेंगे।  

मालूम हो कि चीन के बाद इटली ही वो देश है जहां पर अब तक सबसे अधिक मौतें हो चुकी हैं। उसके बाद स्पेन और फिर अमेरिका का नंबर आ रहा है। इटली में रोजाना मरने वालों की संख्या 650 बताई जा रही है। इन दिनों इटली में पूरी तरह से लाकडाउन है उसके बाद भी यहां मरने वालों का आंकड़ा इतना अधिक पहुंच गया है। चिकित्सा के मामले में भी इटली दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है उसके बाद भी मौतों पर रोक नहीं लगाई जा पा रही है।

अब तो आलम ये हो गया है कि यहां पर बने मुर्दाघरों में लाशें रखने के लिए जगह ही नहीं बची है, इस वजह से कुछ खाली बिल्डिंगों में लाशें रखी जा रही है। चर्चों में कोफिन की लाइनें लगी हुई हैं, वहां पादरी इनका परंपरागत तरीके से अंतिम संस्कार कर रहे हैं। सेना को शवों को ठिकाने लगाने के लिए कहा जा रहा है। सेना अपने ट्रकों से शव को ले जाकर उनका अंतिम संस्कार कर रही है।


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