गोलान हाइट्स में सड़क किनारे छिपाए गए बम, इजरायली सेना ने इरानी ठिकानों को बनाया निशाना
इजरायली सेना के मुताबिक कि तात्कालिक विस्फोटक उपकरण ईरानी बलों के नेतृत्व में एक सीरियाइ दस्ते द्वारा रखे गए थे। इजरायल ने कहा कि उसने ईरान के कुलीन वर्ग बल और सीरियाई सेना से संबंधित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
येरुशलम, एपी। इजरायली युद्धक विमानों ने ईरानी ठिकानों को निशाना बनाकर मंगलवार को रातभर हमले किए। बुधवार को इजरायल की सेना ने इसकी जानकारी दी। गोलान हाइट्स में सड़क किनारे बम छिपे होने की बात सामने आने के बाद, इजरायल ने यह कार्रवाई की। इस दौरान सेना ने ईरान ठिकानों को निशाना बनाया।
सेना ने बताया कि तात्कालिक विस्फोटक उपकरण ईरानी बलों के नेतृत्व में एक सीरियाइ दस्ते द्वारा रखे गए थे। इजरायल ने कहा कि उसने ईरान के कुलीन वर्ग बल और सीरियाई सेना से संबंधित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें भंडारण सुविधाएं, मुख्यालय और सैन्य यौगिक शामिल हैं। इसके अलावा सीरियाइ विमानभेदी मिसाइल बैटरीयों पर भी हमला किया गया।
बता दें कि इजरायल पिछले कई सालों में सीरिया में ईरान से जुड़े सैन्य ठिकानों के खिलाफ सैकड़ों हमले कर चुका है लेकिन वह इन अभियानों की कभी चर्चा नहीं करता है। इजरायल ईरान को अपना सबसे बड़ा खतरा मानता है और उसका कहना है कि वह सीरिया में, खासकर अपनी सीमाओं के पास स्थायी ईरानी सैन्य की उपस्थिति की स्थापना को बर्दाश्त नहीं करेगा।
गौरतलब है कि इजरायल ने 1967 में सीरिया के साथ युद्ध के बाद गोलान हाइट्स को अपने कब्जे में ले लिया था। उस समय इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग अपना-अपना घर छोड़कर यहां से चले गए थे। इसके बाद सीरिया ने 1973 में फिर से मध्य पूर्व युद्ध के दौरान गोलान हाइट्स को दोबारा हासिल करने की कोशिश की लेकिन वह इसमें कामयाब ना हो सका। 1981 में इजरायल ने गोलान हाइट्स को अपने क्षेत्र में मिलाने की घोषणा कर दी, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली।
ज्ञात हो कि पिछले साल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आधाकारिक तौर पर गोलान हाइट्स की एक बस्ती का नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर रख दिया था। उन्होंने कहा था कि बस्ती का नाम 'रामत ट्रंप' रखा जाएगा।