इराक के नए प्रधानमंत्री मुस्तफा काधेमी का ईरान ने किया स्वागत
इराक में चुन गए नए प्रधानमंत्री मुस्तफा काधेमी का ( Mustafa al-Kadhimi) ईरान विदेश मंत्रालय ने स्वागत कया है।
तेहरान, आइएएनएस। इराक में चुन गए नए प्रधानमंत्री मुस्तफा काधेमी का ( Mustafa al-Kadhimi) ईरान विदेश मंत्रालय ने स्वागत कया है। न्यूज एजेंसी आइएएनएस को स्टेट टीवी ने इसकी जानकारी दी।समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी के हवाले से कहा गया है, इराक लोकतांत्रिक रास्ते के माध्यम से अपने सभी राजनीतिक आंदोलनों के बीच सर्वसम्मति से सभी मतभेदों के लिए आम सहमति बनाने का विचार करता है। इसलिए ईरान इसका समर्थन करता है।
बयान में कहा गया कि नए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, और राजनीतिक स्थिरता का पर्याप्त समर्थन किया है। बयान में कहा गया है कि नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति सही दिशा में लिया कदम है। बता दें कि गुरुवार को इराक के राष्ट्रपति ने इराक की राष्ट्रीय खुफिया सेवा के निदेशक मुस्तफा काधेमी को इराक का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। इराक में नई सरकार के गठन में दो बार मिली विफलता के बाद राष्ट्रपति बरहम सालेह ने गुरुवार को खुफिया विभाग के प्रमुख मुस्तफा काधेमी की प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति की है।
तानाशाह सद्दाम हुसैन के आलोचक रहे काधेमी को एक महीने के भीतर नई कैबिनेट का गठन कर संसद से मंजूरी लेनी होगी। इससे पहले पीएम नियुक्त किए गए अदनान जुर्फी और मुहम्मद अलावी भी संसद का विश्वास नहीं जीत पाए थे। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा देने वाले अब्देल महदी फिलहाल कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं।पिछले 10 हफ्ते में यह पीएम पद पर तीसरी नियुक्ति है। 329 सदस्यों वाली इराकी संसद में ईरान समर्थक नेताओं के बीच काधेमी की अच्छी पैठ मानी जाती है।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने पिछले दिनों अमेरिका से आग्रह किया था कि वह अपनी सेना को पूरे मध्य एशिया क्षेत्र से बाहर निकाले। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा कि क्षेत्र में अमेरिकी अवैध पैठ को समाप्त किया जाना चाहिए। ईरानी विदेश विभाग ने कहा है कि इराक में अवैध उपस्थिति के परिणामों के लिए अमेरिका दूसरों को दोषी नहीं ठहरा सकता।
इराक की राजधानी बगदाद में काफी दिनों तक सैन्य बेस के निकट अमेरिकी सैनिकों पर रॉकेट हमला हुए थे। इस हमले में अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के अमेरिकी और ब्रिटेन सैनिकों की मौत हुई। इन हमलों के जवाब में गठबंधन सेना ने भी इराकी अर्धसैनिक हशद शबी बलों पर हवाई हमले किए।