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ईरान ने ब्रिटिश तेल टैंकर से पकड़े गए 18 भारतीयों को काउंसलर एक्‍सेस की मंजूरी दी

British ship Stena Impero ईरान ने हरमुज खाड़ी क्षेत्र में जब्‍त किए गए ब्रिटिश टैंकर पर सवार 18 भारतीय क्रू सदस्‍यों के लिए काउंसलर एक्‍सेस की मंजूरी दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 01:00 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 01:36 PM (IST)
ईरान ने ब्रिटिश तेल टैंकर से पकड़े गए 18 भारतीयों को काउंसलर एक्‍सेस की मंजूरी दी

तेहरान, रॉयटर। ईरान ने हरमुज खाड़ी क्षेत्र में जब्‍त किए गए ब्रिटिश टैंकर पर सवार 18 भारतीय क्रू सदस्‍यों के लिए काउंसलर एक्‍सेस की मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन स्थित ईरानी दूतावास ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि ब्रिटिश जहाज स्टेना इम्‍पेरो (British ship Stena Impero) से हिरासत में लिए गए 18 भारतीय क्रू सदस्‍यों के लिए भारतीय दूतावास को काउंसलर एक्‍सेस की मंजूरी दे दी गई है। 

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उल्‍लेखनीय है कि जिब्राल्टर के जलडमरूमध्य (Strait of Gibraltar) में ब्रिटिश नौसैनिकों द्वारा ईरानी तेल टैंकर ग्रेस-1 को जब्‍त किए जाने के बाद ईरान ने भी बदले की कार्रवाई करते हुए ब्रिटेन के दो तेल टैंकरों को अपने कब्जे में ले लिया था। ब्रिटिश टैंकर स्टेना इम्‍पेरो पर मौजूद 23 क्रू मेंबर्स में 18 भारतीय थे। ईरान के इस कदम के बाद ही भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से अपने नागरिकों को छुड़ाने की कोशिशें शुरू कर दी गई थीं। 

हालांकि, ईरान ने समुद्री जहाज एमटी रियाह से हिरासत में लिए गए 12 भारतीयों में से नौ को गुरुवार को रिहा कर दिया था। इन भारतीयों को जुलाई के पहले हफ्ते में हिरासत में लिया गया था। इस जहाज के तीन कर्मी अभी ईरानी हिरासत में हैं। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश जहाज स्टेना इम्पेरो के चालक दल में शामिल 18 भारतीय भी ईरानी हिरासत में हैं। इस प्रकार से कुल 21 भारतीय ईरान के कब्जे में हैं। 

अभी हाल ही में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन (V. Muraleedharan) ने बताया था कि जिब्राल्टर के जलडमरूमध्य (Strait of Gibraltar) में ब्रिटिश नौसैनिकों द्वारा जब्त किए गए ईरानी तेल टैंकर ग्रेस-1 में सवार सभी 24 भारतीय सुरक्षित हैं। इस बीच खाड़ी क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच ब्रिटेन ने अपनी रक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव किया है। ब्रिटेन की नई रक्षा नीति के अनुसार, स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज (Strait of Hormuz) के रास्ते आने वाले सभी ब्रिटिश ध्वज वाहक जहाजों को ब्रिटिश नौसेना के युद्धपोत सुरक्षा देंगे। 


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