अमेरिका से 'कठोर बदला' लेने की तैयारी में ईरान, ट्रंप के बयान के बाद फिर गरमाया माहौल
अमेरिका के ड्रोन हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है।
दुबई, रॉयटर्स। अमेरिका और ईरान के बीच उत्पन्न स्थिति किसी युद्ध से कम नहीं है। दुनिया भर की नजर इन दोनों देश पर टिकी है। तमाम देशों द्वारा ईरान और इराक जाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इनमें भारत भी मौजूद है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बुधवार रात को ईरान के इराक में किए गए अमेरिकी सेना पर हमले को लेकर जानकारी दी गई। अब जहां उसके बाद फिर एक बार ईरान की तरफ से अमेरिका को खुली चेतावनी मिली है। ईरान के एक कमांडर ने कहा कि उसका देश जल्द ही अमेरिका से 'कठोर बदला' लेगा।
एजेंसी ने वरिष्ठ कमांडर अब्दोल्लाह अराघी के हवाले से यह कहा। बता दें कि बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने सभी अमेरिकी सैनिकों के सुरक्षित होने की बात कही। साथ ही ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंधों का एलान भी कर दिया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को अपनी सैन्य ताकत के इस्तेमाल की जरूरत नहीं है, उसके आर्थिक प्रतिबंध ही ईरान से निपटने के लिए काफी हैं।
वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में, Tasnim न्यूज एजेंसी ने डिप्टी गार्ड्स प्रमुख, अली फदावी के हवाले से कहा, 'ईरान का अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल हमला ईरान की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन था। अमेरिकी सेना द्वारा कुछ नहीं किया जा सका।'
बता दें कि बुधवार सुबह खबर आई कि ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी है। अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ईरान ने करीब साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर मिसाइलों दागी। इसमें ईरान ने दावा किया था कि इस हमले में 80 अमेरिकी जवान मरे हैं। हालांकि, पहले इराक की सेना और फिर खुद ट्रंप ने सामने आकर इस बात को गलत ठहरा दिया था। जहां अब ट्रंप के बयान के बाद एक बार फिर ईरान ने अमेरिका को कठोर कार्रवाई झेलने की धमकी दी है।
ट्रंप ने यह भी कहा था कि उनके राष्ट्रपति रहते ईरान परमाणु शक्ति संपन्न नहीं हो पाएगा। ट्रंप ने कहा कि हमें ईरान के साथ मिलकर ऐसा समझौता करना चाहिए, जो दुनिया को सुरक्षित बनाए। ट्रंप यह कहने से भी नहीं चूके कि अमेरिका ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है और उसे पश्चिम एशिया के तेल भंडार की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने ईरान से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ मिलकर लड़ने को कहा। बता दें कि अमेरिका के ड्रोन हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है। बता दें कि अमेरिका के ड्रोन हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है।