भारतवंशी छात्र ने वर्ल्ड मेमोरी चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक
मेमोरी पैलेस तकनीक का इस्तेमाल कर व्यक्ति चीजों और घटनाओं को तस्वीरों के रूप में दिमाग के अलग-अलग हिस्सों में संग्रहित कर सकता है।
सिंगापुर, प्रेट्र। सिंगापुर में रहने वाले भारतवंशी छात्र ध्रुव मनोज ने हांगकांग में आयोजित हुई वर्ल्ड मेमोरी चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। ध्रुव ने बालकों की श्रेणी में 'नेम्स एंड फेसेज' और 'रैंडम वर्ड्स' स्पर्धा में 56 अन्य प्रतिभागियों को मात दी।
20 से 22 दिसंबर तक आयोजित इस प्रतियोगिता में चीन, भारत, ताइवान, रूस और मलेशिया समेत कई देशों के 260 छात्रों ने हिस्सा लिया था। सिंगापुर से केवल ध्रुव ही इस प्रतियोगिता का हिस्सा थे। 'मेमोरी पैलेस' बनाने की रोमन तकनीक में निपुण ध्रुव ने आधे घंटे में 1,155 बाइनरी अंकों (0 व 1 से बने अंक) को याद कर लिया था।
उन्हें 87 नाम और चेहरे याद करने में भी केवल 15 मिनट लगे थे। मेमोरी पैलेस तकनीक का इस्तेमाल कर व्यक्ति चीजों और घटनाओं को तस्वीरों के रूप में दिमाग के अलग-अलग हिस्सों में संग्रहित कर सकता है। ध्रुव ने कहा, 'स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए मुझे ध्यान केंद्रित करने के साथ ही दिन में कई घंटों तक अभ्यास करना पड़ता था।' उनके पिता मनोज प्रभाकर ने भी इसमें उनका काफी सहयोग किया।