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चीन के OBOR के जवाब में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान लेकर आए नया 'विकल्प'

बीजिंग के कई अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी योजना वन बेल्ट रोड के विकल्प में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर ये योजना बनाई है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 10:03 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 06:54 AM (IST)
चीन के OBOR के जवाब में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान लेकर आए नया 'विकल्प'
चीन के OBOR के जवाब में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान लेकर आए नया 'विकल्प'

कैनबरा (एएनआई)। चीन के आगामी महत्वाकांक्षी परियोजना ओबोर (वन बेल्ट वन रोड) के बढ़ते प्रभाव का अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर एक वैकल्पिक रास्ता निकाला है। इन देशों ने मिलकर 'संयुक्त क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा योजना' पर वार्ता की है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।

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अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया आए साथ

ऑस्ट्रेलिया की एक वित्तीय समीक्षा रिपोर्ट ने मंगलवार को बताया कि बीजिंग के कई अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी योजना वन बेल्ट रोड के विकल्प में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर ये योजना बनाई है। एक अज्ञात अधिकारी का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि इन चारों देशों के द्वारा बनाए गई इस योजना को लेकर अभी तक आधिकारिक रुप से घोषणा नहीं की गई है।

'ओबोर' के जवाब में 'विकल्प'

बता दें कि कि पिछले सप्ताह ही ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल अमेरिकी दौरे पर गए थे। अधिकारियों ने बताया, अमेरिकी दौर पर गए टर्नबुल ने यूएस राष्ट्रपति ट्रंप से एस प्रोजेक्ट के एजेंडे पर गंभीर रुप से चर्चा की थी। सूत्रों ने आगे बताया कि चीन के ओबोर योजना के जवाब में बनाये जाने वाले इस योजना को 'प्रतिद्वंदी' के बजाय 'विकल्प' नाम देना उचित लगा।

बंदरगाह से लिंक सड़क या रेललाइन का निर्माण

अधिकारियों ने बताया, कोई अब ये नहीं कह सकता है कि चीन बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं करेगा। चीन एक बंदरगाह का निर्माण कर सकता है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने आप में आर्थिक रुप से व्यवहार्य नहीं है। अधिकारियों ने आगे बताया कि हम उस बंदरगाह को जोड़ने वाली किसी सड़क या रेल लाइन के निर्माण कर इसे आर्थिक रूप से व्यवहार्य बना सकते हैं। हालांकि इस मामले पर टर्नबुल के प्रतिनिधि विदेश मंत्री जूली बिशप और व्यापार मंत्री स्टीवन सियोबो ने कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की है।

2013 में पहली सामने आया OBOR 

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पहली बार 2013 में कजाकिस्तान में एक विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए चीन के ओबोर परियोजना के बारे में बताया था। शी ने इस दौरान कहा था कि यह परियोजना एशिया महादेश के 60 देशों के वैश्विक परिवहन और व्यापार लिंक से जोड़ेगा जो उनके विकास के लिए फायदेमंद साबित होगा।

चीन ने वैश्विक नेताओं से मांगी थी सहायता

शी ने इस परियोजना की बड़े पैमाने पर शुरुआत की साथ ही वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार भी किया। पिछले साल मई माह में शी ने विश्व के कई देशों के नेताओं को इस परियोजना के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया था जहां उन्होंने उनसे इस परियोजना के लिए 124 अरब डॉलर की सहायता की मांग की थी। इसके बाद स्थानीय चीनी सरकारों, सरकारी और निजी कंपनियों ने तत्काल इस परियोजना मे मदद के लिए अरबों निवेश किये और लोन भी दिए।

OBOR के आर्कटिक तक विस्तार की घोषणा

जनवरी में, बीजिंग ने आर्कटिक में शिपिंग लेन के विस्तार करने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित किया, जिसमें "पोलर सिल्क रोड" बनाये जाने की बात कही गई। बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में चीन द्वारा प्रस्तावित क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के विकल्पों के समन्वय के लिए बातचीत शुरू की है।


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