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काबुल में मेयर ने काम करने वाली महिलाओं पर लगाई रोक, कहा- जो पुरुष नहीं कर सकते, वो काम करो

कार्यवाहक मेयर ने कहा है कि महिलाएं केवल उन्हीं स्थानों पर काम कर सकती हैं जिस काम को पुरुष नहीं कर सकते हैं। इनमें महिलाओं के लिए सार्वजनिक सुविधाओं में कर्मचारियों को ही काम करने की इजाजत होगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 07:25 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 07:33 PM (IST)
काबुल में मेयर ने काम करने वाली महिलाओं पर लगाई रोक, कहा- जो पुरुष नहीं कर सकते, वो काम करो
लड़कियों के स्कूल न खोलने पर यूनीसेफ ने जताई चिंता

काबुल, एपी। अफगानिस्तान में नई सरकार बनने के बाद महिलाओं के लिए लगातार मुसीबत खड़ी की जा रही हैं। अब काबुल के कार्यवाहक मेयर हमदुल्ला नामोनी ने फरमान जारी किया है कि जो भी महिलाएं शहर के विभागों में काम कर रही थीं, वह घर में ही रहें। उन्हें काम पर लौटने की जरूरत नहीं है।

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काबुल में नगर पालिका में तीन हजार कर्मचारी काम कर रहे थे, इनमें से एक तिहाई संख्या महिलाओं की थी। अब इन महिलाओं को काम से मुक्त कर दिया गया है। कार्यवाहक मेयर ने कहा है कि महिलाएं केवल उन्हीं स्थानों पर काम कर सकती हैं, जिस काम को पुरुष नहीं कर सकते हैं। इनमें महिलाओं के लिए सार्वजनिक सुविधाओं में कर्मचारियों को ही काम करने की इजाजत होगी।

इधर यूनीसेफ ने अफगानिस्तान में शनिवार से स्कूल खोले जाने का स्वागत किया है, लेकिन लड़कियों के स्कूल न खोले जाने को लेकर चिंता जताई है। यूनीसेफ की प्रमुख हेनरिटा फोरे ने कहा कि लड़कियों को शिक्षा से रोकना गलत है। यूनीसेफ लगातार इस मांग को उठाता रहेगा कि लड़कों के साथ ही लड़कियों को भी पढ़ने के समान अवसर दिए जाएं।

अफगानिस्तान की पूर्व सरकार में सुलह परिषद की सदस्य रहीं अधिकार कार्यकर्ता फौजिया कूफी ने कहा है कि अफगान लड़कियां अपने दम पर स्कूल खोलें और पढ़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि ऐसी लड़कियों के साथ वे भी विरोध स्वरूप पूरा साथ दें। उन्होंने कहा कि तालिबान ने महिलाओं को पूरे अधिकार देने का आश्वासन दिया था, सरकार बनने के बाद वे इससे मुकर गए।

अफगानिस्तान में महिलाओं की हो समान भागीदारी को लेकर यूएन में पास हुआ प्रस्ताव

वहीं, पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का गठन और उसमें महिलाओं की समान और सार्थक भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।


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