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ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग से कितने जानवर हुए थे प्रभावित, संख्या जानकर रह जाएंगे दंग

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी इस आग को आधुनिक इतिहास की सबसे खराब आपदाओं में से एक कहा जा रहा है। आग से अरबों जानवरों की असमय मौत हो गई और अरबों का नुकसान हुआ।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 02:54 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 02:54 PM (IST)
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग से कितने जानवर हुए थे प्रभावित, संख्या जानकर रह जाएंगे दंग
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग से कितने जानवर हुए थे प्रभावित, संख्या जानकर रह जाएंगे दंग

नई दिल्ली, एएफपी/ऑनलाइन डेस्क। अमेजन के जंगलों में लगी आग के बाद ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भी आग लगने की घटना हुई थी। इन दोनों घने जंगलों में आग लगने के बाद ये कहा जा रहा था कि इससे कई अरब जंगली जानवरों की या तो मृत्यु हो गई या वो उस जगह से भागकर कहीं और पहुंच गए।

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ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में साल 2019-20 की आग पर हुए एक शोध का कहना है कि इस भयानक आपदा के कारण करीब तीन अरब जानवर या तो मारे गए या फिर विस्थापित हो गए। 

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी इस आग को आधुनिक इतिहास की सबसे खराब आपदाओं में से एक कहा जा रहा है। शोध में शामिल ऑस्ट्रेलिया के कई विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों का कहना है कि आग के कारण 14.4 करोड़ स्तनधारी, 2.46 अरब सरीसृप, 18 करोड़ पक्षी और 5.1 करोड़ मेंढक प्रभावित हुए। हालांकि शोध में यह जानकारी नहीं हासिल हो सकी कि इससे कितने जानवरों की जलने से मौत हुई होगी।

शोध के एक लेखक क्रिस डिकमैन के मुताबिक आग से बचने वाले जानवरों की संभावनाएं बहुत अधिक नहीं थीं ऐसा भोजन, शरण और शिकारियों से सुरक्षा की कमी के कारण हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया के जंगल में 2019 के मध्य में लगी आग के कारण 1,15,000 वर्ग किलोमीटर के जंगल और झाड़ जल गए। इस आग में 30 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों मकान जलकर राख हो गए थे। ऑस्ट्रेलिया के आधुनिक इतिहास में यह जंगल की आग सबसे लंबे दौर तक चलने वाली आग थी, वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है। 

इससे पहले जनवरी में हुए एक शोध में अनुमान जताया गया था कि आग से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया में एक अरब के करीब जानवर मारे गए। लेकिन ताजा शोध के लिए वैज्ञानिकों ने पूरे महाद्वीप में आग के क्षेत्र का सर्वे किया। सर्वे के नतीजे अभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाए हैं और अंतिम नतीजे अगस्त महीने के आखिर तक आने की उम्मीद है। लेकिन शोध के लेखकों का कहना है कि आग लगने से प्रभावित तीन अरब जानवरों की संख्या में किसी भी तरह से बदलाव की संभावना नहीं है। 

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के ऑस्ट्रेलिया शाखा के प्रमुख डर्मट ओ गोरमैन के मुताबिक अंतरिम निष्कर्ष चौंकाने वाले हैं, दुनिया में कहीं और ऐसी घटना के बारे में सोचना मुश्किल है जिसमें इतने सारे जानवर मारे गए या विस्थापित हुए। उनके मुताबिक यह आधुनिक इतिहास में सबसे भयानक जंगल की आग में से एक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऑस्ट्रेलिया में गर्मी का मौसम लंबा खिंच रहा है और यह खतरनाक होता जा रहा है। सर्दी का मौसम छोटा होने के कारण जंगलों की आग पर रोकथाम का काम नहीं हो पा रहा है।  


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