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हांगकांग में सशस्त्र संदिग्ध ने अधिकारियों पर गोलियां चलाईं, बड़े आंदोलन की आहट

पुलिस ने लोकतंत्र प्रदर्शन से जुड़े एक समर्थक को गिरफ्तार करने की कोशिश की तब उसने अधिकारियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 03:52 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 03:52 PM (IST)
हांगकांग में सशस्त्र संदिग्ध ने अधिकारियों पर गोलियां चलाईं, बड़े आंदोलन की आहट

हांगकांग, एजेंसी। हांगकांग पुलिस ने शनिवार को कहा कि एक सशस्त्र संदिग्ध ने अधिकारियों पर गोलियां चलाईं। पुलिस का कहना है कि जब पुलिस ने लोकतंत्र प्रदर्शन से जुड़े एक समर्थक को गिरफ्तार करने की कोशिश की तब उसने अधिकारियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। पुलिस ने कहा कि 19 वर्षीय युवक ने अपनी कमर पर टंगी पिस्‍तौल निकाली और अधिकारियों पर तान दी। हालांकि, इस गाेली में कोई घायल नहीं हुआ।पुलिस की पूछताछ में उसने 15 स्‍वचालित राइफल और बड़ी मात्रा में गोला बारूद का खुलासा किया है। हांगकांग पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारी किसी बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ली वाह ने कहा कि प्रदर्शनकारी यहां की विधानसभा को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे।

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बता दें कि हांगकांग में सात म‍हीनें पूर्व प्रत्यर्पण कानून को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ था। हालांंकि, भारी दबाव के बीच हांगकांग सरकार ने इस बिल को वापस ले लिया, लेकिन इस आंदाेलन का स्‍वरूप बदल गया। अब यह आंदाेलन लोकतंत्र के समर्थन में शुरू हो गया। इस आंदोलन में कानूनविद्, कारोबारी, मानव अधिकार कार्यकर्ताओं समेत कई आम लोग भी शामिल हैं। इस आंदोलन में कई लोग पुलिस की बर्बरता के शिकार हुए। इसकी आंच अमेरिका तक पहुंची। चीन के तमाम विरोध के बावजूद अमेरिका ने बाकायदा लोकतंत्र के समर्थकों के लिए कानून भी बना डाला। 

क्‍या है प्रत्‍यर्पण कानून 

प्रत्यर्पण कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति अपराध कर हांगकांग वापस आ जाता है तो उसे मामले की सुनवाई के लिए ऐसे देश में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता जिसके साथ इसकी संधि नहीं है। चीन को भी अब तक प्रत्यर्पण संधि से बाहर रखा गया था। लेकिन नया प्रस्तावित संशोधन इस कानून में विस्तार करेगा और ताइवान, मकाऊ और मेनलैंड चीन के साथ भी संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की अनुमति देगा। हांगकांग की नेता कैरी लैम का कहना है कि ये बदलाव जरूरी हैं ताकि न्याय और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा किया जा सके। बता दें कि हांगकांग को ब्रिटेन ने साल 1997 में स्वायत्ता की शर्त के साथ चीन को सौंपा था। बिल का विरोध करने वाले चीन और हांगकांग को अलग मानते हैं।  उनका कहना है कि प्रत्यर्पण बिल में किए गए संशोधन हांगकांग की स्वायत्ता को प्रभावित करेंगे। 


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