हरीरी लौटे लेबनान, इस्तीफे का फैसला स्थगित किया
हरीरी के अप्रत्याशित एलान और उसके बाद उनके चुप हो जाने से आशंका जताई जाने लगी थी कि सऊदी अरब में उन्हें कैद तो नहीं कर लिया गया।
बेरूत, रायटर : लेबनान लौटे प्रधानमंत्री साद हरीरी ने इस्तीफे का अपना फैसला स्थगित कर दिया है। हरीरी के अनुसार ऐसा उन्होंने राष्ट्रपति माइकल आउन के अनुरोध पर किया है। अब वह बातचीत के जरिये राजनीतिक संकट को दूर करने की कोशिश करेंगे। हरीरी मंगलवार रात बेरूत लौटे हैं। इससे पहले सऊदी अरब गए हरीरी ने चार नवंबर को वहीं से टीवी चैनल पर अपने इस्तीफे का एलान किया था।
हरीरी के अप्रत्याशित एलान और उसके बाद उनके चुप हो जाने से आशंका जताई जाने लगी थी कि सऊदी अरब में उन्हें कैद तो नहीं कर लिया गया। हरीरी के पास सऊदी अरब की नागरिकता भी है। कुछ दिनों की चुप्पी और एकांतवास के बाद हरीरी ने फ्रांस जाने की घोषणा की।
पेरिस में वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलकर बेरूत आए हैं। सुन्नी समुदाय के हरीरी के ईरान समर्थित शिया अतिवादी संगठन हिज्बुल्ला से सरकार चलाने को लेकर मतभेद हैं। खाड़ी के इस अशांत देश में हिज्बुल्ला सरकार में शामिल है।
हरीरी का आरोप है कि ईरान उनके देश की शांति में खलल डाल रहा है। उनकी हत्या हो सकती है। उल्लेखनीय है कि हरीरी को सऊदी अरब का समर्थन हासिल है। इस लिहाज से लेबनान में सऊदी अरब और ईरान के हित टकरा रहे हैं।
हरीरी ने कहा, बेरूत में उन्होंने बुधवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को दिया लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। हरीरी ने कहा है कि नई स्थिति में देश के शांति और तरक्की की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता खुलेगा।
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