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Russia Ukraine War: G7 देशों का चीन से अनुरोध, कहा- अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाए ड्रैगन

Russia Ukraine War जी 7 देशों के जवाब में चीन ने कहा है कि रूस पर प्रतिबंध लगाकर यूक्रेन युद्ध नहीं रोका जा सकता। अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन को हथियार देकर युद्ध भड़का रहे हैं। वहीं जी7 ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज किया

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 07:49 PM (IST)
Russia Ukraine War: G7 देशों का चीन से अनुरोध, कहा- अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाए ड्रैगन
रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए चीन से अनुरोध (सोर्स- रायटर)

एसलास एलमाऊ, रायटर: चार महीने से ज्यादा समय से चल रहे यूक्रेन युद्ध को रोकने में विफल रहे पश्चिमी देशों ने चीन से अनुरोध किया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रूस को रोके। जी 7 देशों ने बयान जारी कर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र महासभा के पारित प्रस्ताव पर अमल करने के लिए चीन रूस पर दबाव डाले।

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जी 7 देशों के जवाब में चीन ने कहा है कि रूस पर प्रतिबंध लगाकर यूक्रेन युद्ध नहीं रोका जा सकता। अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन को हथियार देकर युद्ध भड़का रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, जी 7 देश दुनिया की केवल दस प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि वे चाहते हैं कि दुनिया उनके मानदंडों और मूल्यों पर चले।

जर्मनी में तीन दिन चले जी 7 देशों के शिखर सम्मेलन में कहा गया है कि चीन की गैर बाजारी नीतियों के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। अमेरिका ने कहा, चीन गैर पारदर्शी व्यवस्था और बाजार को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य करता है। इससे आर्थिक और औद्योगिक विकास प्रभावित हो रहा है। जी 7 देशों ने मिलकर चीन की गलत नीतियों की मुखालफत का फैसला किया है।

सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को खारिज किया गया। कहा गया कि चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। जी 7 देशों के नेताओं ने तिब्बत और शिनजियांग में चीन द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता जताई। अपेक्षा की गई कि दोनों स्थानों पर चीन अपनी कार्यप्रणाली बदलेगा और हांगकांग में मानवाधिकारों का सम्मान करेगा। गौरतलब है कि G7 शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद नाटो शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाना है। इस सम्मेलन में यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस और चीन के बीच गहरते होते संबंध एक प्रमुख विषय होगा।


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