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किसानों के प्रदर्शन से सहमी फ्रांस सरकार दे सकती है और रियायतें

मैक्रों सरकार ने पिछले साल ज्यादा आय वाले लोगों को कर देने में छूट प्रदान की थी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:04 PM (IST)
किसानों के प्रदर्शन से सहमी फ्रांस सरकार दे सकती है और रियायतें
किसानों के प्रदर्शन से सहमी फ्रांस सरकार दे सकती है और रियायतें

पेरिस, एएफपी। महंगाई के खिलाफ भड़के लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए फ्रांस सरकार कुछ और रियायतों की घोषणा कर सकती है। सरकार ने बुधवार को इसके संकेत दिए। इससे अमीर लोगों के लिए करों में कटौती के विवादित फैसले को वापस लेने की संभावना भी बढ़ गई है।

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पिछले दो हफ्तों से भी ज्यादा समय से जारी 'येलो वेस्ट' आंदोलन के चलते राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पीली जर्सी पहनकर विरोध करने के चलते इसे येलो वेस्ट आंदोलन कहा जा रहा है। शनिवार को आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था और दशकों बाद मध्य पेरिस इलाके में भारी हिंसा भड़की थी। मंगलवार को हिंसक भीड़ ने एक पूर्व बैंकर को भी मार डाला था।

एक जनवरी से ईंधन करों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ यह येलो वेस्ट आंदोलन पिछले महीने की 17 तारीख को शुरू हुआ था। लेकिन अब यह आंदोलन मैक्रों सरकार की व्यवसाय समर्थित नीतियों के विरोध का रूप ले लिया है।

प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर ग्रामीण और छोटे कस्बे के लोग शामिल हैं। उनकी एक सबसे प्रमुख मांग अमीर के लिए करों में कटौती के फैसले को वापस लेना भी है। मैक्रों सरकार ने पिछले साल ज्यादा आय वाले लोगों को यह छूट प्रदान की थी।

सरकार के प्रवक्ता बेंजामिन ग्रीविएक्स ने बुधवार को आरटीएल रेडियो से बुधवार सुबह बातचीत में कहा, 'अगर कुछ नहीं हो रहा है, तो हम मूर्ख नहीं है, इसे बदल देंगे।' उन्होंने कहा कि संपत्ति कर का आकलन अब से लेकर अगले साल के आखिरी समय के लिए किया जाएगा।

पिछले साल मई में हुए आम चुनाव के दौरान 40 वर्षीय मैक्रों ने इसे अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। उनका कहना था कि अमीर लोगों के खिलाफ दंडात्मक टैक्स से रोजगार के अवसर कम हुए और ज्यादातर उद्यमी फ्रांस छोड़कर चले गए।

गौरतलब है कि सरकार ने ईंधन कर में वृद्धि के फैसले को भी टाल दिया है। माना जा रहा है कि विरोध को देखते हुए फैसले को पांच से छह महीने के लिए टाल दिया गया है। सरकार का कहना है कि बातचीत में कोई हल नहीं निकला तो फैसले को हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएगा।


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