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पाकिस्तान को तुरंत छोड़ दें सभी फ्रांसीसी नागरिक व कंपनियां, फ्रांस की सरकार का आदेश

पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन के बाद फ्रांसीसी दूतावास ने देश के सभी नागरिक व कंपनियों से पाकिस्तान को अस्थायी तौर पर छोड़ देने की सलाह दी। दूतावास ने अपने देश के नागरिकों और कंपनियों से कहा है कि देश हित में उन्हें अस्थायी तौर पर पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 02:19 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 02:19 PM (IST)
पाकिस्तान को अस्थायी तौर पर छोड़ दें फ्रांसीसी नागरिक

पेरिस, रॉयटर्स। पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर फांस की सरकार ने अपने दूतावास के सभी फ्रांसीसी नागरिको को तुरंत पाकिस्तान  छोड़ने का आदेश दिया है। पाकिस्तान में रहने वाले फ्रांस के लोगों व कंपनियों को यह सलाह दी गई है कि उन्हें अस्थायी तौर पर वहां से निकल जाना चाहिए। इस सप्ताह फ्रांस विरोधी हिंसक प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान में फ्रांस के दूतावास ने गुरुवार को देश के सभी नागरिक व कंपनियों से पाकिस्तान को अस्थायी तौर पर छोड़ देने की सलाह दी।

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फ्रांस (France) ने अपने देश के नागरिकों और कंपनियों को सलाह दी है कि उन्हें अस्थायी तौर पर पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए क्योंकि देश में फ्रांसिसी हित पर गंभीर खतरा है। फ्रांसीसी दूतावास ने एक ईमेल के जरिए बताया है कि उनके ऊपर गंभीर खतरा मंडरा रहा है इसलिए पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में रहने वाला फ्रांसीसी नागरिक  तुरंत ही दूसरे देश रवाना हो जाए। पाकिस्तान के कई शहरों में इन दिनों कट्टरपंथी संगठन फ्रांस से राजनयिक संबंध तोड़ने को लेकर उग्र विरोध कर रहे हैं। यह जानकारी राजनयिक सूत्रों की ओर से गुरुवार को दी गई। दरअसल, इस सप्ताह देश में हिंसक झड़प हुई थी। 

तहरीक-ए-लब्बैक ने फ्रांसीसी राजदूत को देश से निकालने की मांग के लिए सड़को पर भीड़ जुटा ली है। फ्रांस की पत्रिका 'चार्ली हेब्दो' में प्रकाशित किए गए मोहम्मद साहब के विवादित कार्टून के कारण पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के बीच यह गुस्सा है। बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्लामिक आतंकवाद पर दिए गए बयान को लेकर भी पाकिस्तानी संसद में निंदा प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।  

कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के मुखिया साद रिजवी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उसके संगठन को भी हिंसा फैलाने के आरोप में आतंकवाद अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया जा चुका है। फिर भी पाकिस्तान के कई शहरों में हजारों लोग साद रिजवी की रिहाई को लेकर सड़कों पर हैं। TLP नेता  साद रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले।


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