रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- यह युद्ध का युग नहीं है, बातचीत की तरफ लौटें
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने वियना में रूस- यूक्रेन संघर्ष पर कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है। हमारे लिए यह संघर्ष गहरी चिंता का विषय है। हमारी कोशिश शुरू से ही रही है कि बातचीत और कूटनीति की तरफ लौटें।
वियना, एजेंसी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर बेहद गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि भारत शांति के पक्ष में है और शुरुआत से ही भारत का प्रयास दोनों देशों को वार्ता व कूटनीति के मार्ग पर लाने का रहा है, क्योंकि हिंसा के जरिये मतभेदों को नहीं सुलझाया जा सकता। भारत दोनों देशों से बार-बार कूटनीति और वार्ता के मार्ग पर लौटने का आह्वान करता रहा है। दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से ऑस्ट्रिया पहुंचे जयशंकर ने यह टिप्पणी भारतीय समुदाय के साथ संवाद के दौरान की।
विदेश मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, "आज मेरा स्वागत करने के लिए ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर का धन्यवाद। पीएम नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत अभिवादन से अवगत कराया। यूरोपीय संघ की नीतियों और यूक्रेन संघर्ष पर उनकी अंतर्दृष्टि की सराहना की।"
भारत-ऑस्ट्रिया के बीच दो समझौतों पर हस्ताक्षर
जयशंकर ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रिया कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं, जिसमें 2 भारतीयों के हित में होगा। एक समझौता प्रवासन और गतिशीलता पर होगा। ये उन भारतीयों के लिए आसान होगा जो यहां छात्र/पेशेवर के रूप में आना चाहते हैं। दूसरा समझौता 'वर्किंग हॉलिडे' कार्यक्रम पर होगा। ये समझौता हम किसी भी देश के साथ पहली बार करने जा रहे हैं। ये समझौता भारतीय छात्रों को यहां 6 महीने तक काम करने के योग्य होंगे।
''बातचीत और कूटनीति की तरफ लौटें''
विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कहा, ''हमारे लिए ये संघर्ष गहरी चिंता का विषय है। हम मानते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है। आप युद्ध और संघर्ष के माध्यम से मतभेदों और मुद्दों को नहीं सुलझा सकते हैं। हमारी कोशिश शुरू से ही रही है कि बातचीत और कूटनीति की तरफ लौटें। प्रधानमंत्री ने खुद कई अवसरों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की है। मैंने खुद अपने रूस और यूक्रेन के समकक्षों से बात की है। हम जानते हैं कि यह आसानी से हल होने वाले हालात नहीं हैं, लेकिन यह जरूरी है कि जो देश वार्ता में विश्वास करते हैं, वे इस संबंध में स्पष्ट तरीके से बोलें। हम शांति के पक्ष में हैं और दुनिया का एक बड़ा हिस्सा हमारी तरह सोचता है।''
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''हम निष्पक्षता और न्याय की आवाज बनना चाहते हैं''
भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने को लेकर जयशंकर ने कहा, ''हम G20 अध्यक्षता का उपयोग अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लाभ के लिए करना चाहते हैं, हम निष्पक्षता और न्याय की आवाज बनना चाहते हैं। हम उन समाजों और देशों की आवाज के रूप में उभरना चाहते हैं, जिनके पास ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मामलों पर बोलने के लिए कोई नहीं है।''
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