एक मछली ने मछुआरे को किया मालामाल, ये है ताजे पानी की सबसे बड़ी व कीमती मछली
दुनिया में कई तरह के अनोखे जीव हैं। जब भी ये अनोखे जीव अचानक हमारे सामने आते हैं तो हमें हैरान कर देते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ इस मछली के साथ भी। जानें- कौन सी है ये मछली?
रियो, एएफपी। रंग-बिरंगी और तरह-तरह के आकार वाली मछलियों की जिंदगी हमेशा लोगों को कौतूहल में डालती हैं। अब एक मछुआरे को ताजे पानी की सबसे बड़ी और बेशकीमती मछली मिली है। इस एक मछली ने उसे मालामाल कर दिया है। खास बात ये है कि ये मछली जितनी अनोखी है, इसका स्वाद उतना ही बेहतरीन है। इस वजह से इसे बेशकीमती माना जाता है। कुछ समय पहले तक ये मछली विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई थी। आइये जानते हैं- इस अनोखी मछली के बारे में।
ताजे पानी की जो सबसे बड़ी और बेशकीमती मछली मिली है, उसका नाम है पिरारुकु। न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, ये मछली ब्राजील स्थित दुनिया के सबसे बड़े वर्षा वन अमेजन स्टेट में स्थित अमाना सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिजर्व (Amana Sustainable Development Reserve) में पायी गई है। पिरारुकु का सफेद मांस बहुत नरम और स्वादिष्ट होता है। इस वजह से ये दुनिया की सबसे कीमती मछलियों में भी शुमार है। इसकी लंबाई तीन मीटर और वजन 200 किलोग्राम तक हो सकता है। ये मछली मुख्य रूप से अमेजन में पायी जाती है।
विलुप्त होने वाली थी ये मछली
ये विशाल मछली कुछ समय पहले तक विलुप्त की कगार पर थी। कुछ स्थानीय समुदायों और मछुआरों के प्रयास से इस मछली का अस्तित्व बच गया है और अब ये अमेजन क्षेत्र में ताजे पानी की नदियों में मिलने लगी हैं। इन मछलियों का अस्तित्व बचाने का श्रेय रियो डी जेनेरियो के कुछ विशेष और पारंपरिक रेस्तराओं में काम करने वाले उन खास शेफ्स को भी जाता है, जिन्होंने इसके लजीज स्वाद से दुनिया का परिचय कराया है। खास बात ये है कि शेफ्स इन मछलियों को केवल जुलाई से नवंबर महीने के बीच ही पकाते हैं, जब इनका प्रजनन सीजन नहीं होता है। इनका अस्तित्व बचाए रखने के लिए प्रजनन सीजन के दौरान इन मछलियों को पकाया नहीं जाता है। मछुआरे भी प्रजनन सीजन के दौरान इन मछलियों के पकड़े जाने पर उन्हें दोबारा नदी में सुरक्षित छोड़ देते हैं।
पूरे ब्राजील में प्रसिद्ध है इस मछली की डिश
शहर के हिप ब्रैसरी रोसारियों रेस्तरां के मुख्य शेफ फ्रेडरिक मोननियर कहते हैं, 'इन लोगों के प्रयासों के बिना कुछ भी नहीं बचना संभव नहीं था। अमेजन क्षेत्र और इस मछली समेत वहां के अन्य जीव-जंतुओं को बचाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह अनमोल है।' एक अन्य शेफ मार्सेलो बारसेलोस ने पाम ऑयल और धनिया के साथ बनने वाली अपनी एक खास डिश (मोवेका) में इस मछली का उपयोग किया। ये डिश मुख्य तौर पर ब्राजील के पूर्वोत्तर राज्य बाहिया की है, लेकिन अब पूरे ब्राजील का सबसे लोकप्रिय व्यंजन बन चुका है।
इसलिए बेशकीमती है पिरारुकु
रियो डी जेनेरियो के पारंपरिक रेस्तरां में इस मछली को अमेजन नदी के मुहाने पर मिलने वाले खास किस्म के आटे और नट्स के साथ परोसा जाता है। सफेद मांस वाली ये मछली जब पीले आटे और हरे मसालों के साथ पककर प्लेट में परोसी जाती है तो इसका लुक और खुशबू हर किसी का मनमोह लेती है। ये डिश खाने में जितनी स्वादिस्ट होती है, देखने में भी उतनी ही अच्छी लगती है। इस वजह से लोग इसे काफी पसंद करते हैं। इसलिए इसे बेशकीमती माना जाता है। कुछ समय पहले तक ये मछली ज्यादातर रेस्तरां के मेन्यू से गायब हो चुकी थी।
मछली को जानने उत्तरी ब्राजील गए थे नौ शेफ
रियो के बड़े शेफ्स के साथ पिरारुकु का प्रोफाइल जुड़ने से निश्चित तौर पर इनके संरक्षण में काफी मदद की है। हाल में रियो डी जेनेरियों के नौ नामी शेफ्स ने उत्तरी ब्राजील की यात्रा की थी। इसका मुख्य मकसद ये देखना था कि प्यूमारी जनजाति (Paumari Tribe) ने इन मछलियों की पैदावार बढ़ाने के लिए क्या-क्या और किस तरह के प्रयास किए हैं। इनकी मदद से ही शेफ्स को ये जानने का अवसर मिला की इस अनोखी और बेशकीमती मछली का कौन-सा हिस्सा सबसे अच्छा होता है और उसे कैसे पकाना चाहिए। इसके बाद शेफ ने इस मछली की अपने मेन्यू में शामिल किया। इन शेफ्स का कहना है कि ये दुनिया की सबसे स्वादिष्ट मछलियों में से एक है। शेफ्स के अनुसार, इसका स्वाद अन्य सभी मछलियों से बेहतर है।
ये संस्था करती है संरक्षण का काम
पिरारुकु मछलियों के प्रजनन, संरक्षण और शिकार पर नजर रखने वाली संस्था ASPROC के अधिकारी एडेवाल्डो डिआस इस बात से बेहद खुश हैं कि शेफ्स ने किस तरह से इस अनमोल जीव के संरक्षण में अपना सहयोग दिया है। वह कहते हैं, 'इन शेफ्स का अभियान से जुड़ना और प्रजनन के समय उनकी डिश न बनाने का फैसला इनके संरक्षण में बहुत महत्वपूर्ण कड़ी है। मैं उनकी समझ और कमिटमेंट (वादे) से बेहद प्रभावित हूं। ये शेफ्स जानते हैं कि अमेजन के लिए ये मछलियां कितनी जरूरी हैं।
20 वर्ष पहले शुरू हुआ था संरक्षण
अमेजन क्षेत्र में पिरारुकु मछलियों के संरक्षण का प्रोजेक्ट 20 वर्ष पहले शुरू हुआ था। वर्ष 1999 में इन मछलियों की संख्या लगभग 2500 पहुंच गई थी। इसके बाद शुरू किए गए संरक्षण अभियान की वजह से पिछले वर्ष तक इन मछलियों की संख्या 1,90,000 तक पहुंच गई है। रियो डी जेनेरियो के शेफ्स इस मछली और इसके स्वाद का महत्व समझते हैं, यही वजह है कि मछुआरों को इन मछलियों के लिए अच्छी कीमत भी अदा की जाती है। इस मछली के लिए मछुआरों को प्रति किलो 48 ब्राजीलियन रिआल (भारतीय मुद्रा में करीब 825 रुपये) मिलते हैं। इसके बाद इस मछली से बनी डिश 70 ब्राजीलियन रिआल (भारतीय मुद्रा में लगभग 1200 रुपये) में बिकती है।