अन्ना बर्न्स को मिला 'मिल्कमैन' के लिए मैन बुकर पुरस्कार
बुकर निर्णायक दल को इस साल के पुरस्कार के लिए कुल 171 प्रविष्टियां मिली थीं। इनमें से बर्न्स के उपन्यास को सर्वसम्मिति से चुना गया।
लंदन, प्रेट्र। उत्तरी आयरलैंड की अन्ना बर्न्स ने अपने उपन्यास 'मिल्कमैन' के लिए इस साल का मैन बुकर पुरस्कार जीत लिया है। वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजी जाने वाली उत्तर आयरलैंड की पहली महिला लेखिका बन गई हैं। 'मिल्कमैन' एक ऐसी युवती की कहानी है जिसे एक शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो जाता है। इसके चलते दोनों को उत्तरी आयरलैंड में सियासी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
यह पुरस्कार पाने वाली उत्तरी आयरलैंड की पहली महिला लेखिका
बुकर के 49 साल के इतिहास में यह पुरस्कार जीतने वाली बर्न्स 17वीं और साल 2013 के बाद पहली महिला हैं। बुकर पुरस्कार निर्णायक समिति के प्रमुख क्वामे एंथनी ने उपन्यास को अविश्वसनीय रूप से मौलिक करार दिया। उन्होंने कहा, 'हममें से किसी ने भी इस तरह की किताब कभी नहीं पढ़ी। अन्ना बर्न्स पारंपरिक सोच को चुनौती देती हुई प्रतीत हुई। यह क्रूरता, यौन उत्पीड़न और प्रतिरोध की कहानी है।'
मैन बुकर पुरस्कार के तहत 56 वर्षीय बर्न्स को 52,500 पौंड (करीब 50.85 लाख रुपये) इनामी राशि प्रदान की गई। इंग्लैंड के पूर्वी ससेक्स में रहने वाली बर्न्स को पुरस्कार की होड़ में दो ब्रिटिश, दो अमेरिकी और एक कनाडाई लेखक के साथ मुकाबला करना पड़ा।
पुरस्कार के लिए आई थीं 171 प्रविष्टियां
बुकर निर्णायक दल को इस साल के पुरस्कार के लिए कुल 171 प्रविष्टियां मिली थीं। इनमें से बर्न्स के उपन्यास को सर्वसम्मिति से चुना गया।