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China vs US : अमेरिका के इशारे पर फ‍िजी ने चीन को ललकारा, हिंद प्रशांत क्षेत्र में कूटनीतिक जंग हुई तेज

फिजी चीन और अमेरिका के बीच प्रभाव के मुकाबले में एक तनावपूर्ण मोर्चा बनता जा रहा है। अमेरिकी कूटनीति को यह सफलता तब मिली है जब चीनी विदेश मंत्री प्रशांत महासागर में आस्‍ट्रेलिया के बेहद करीब स्थित दस छोटे-छोटे देशों के साथ सुरक्षा व व्यापार समझौता करने जा रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 05:38 AM (IST)
China vs US : अमेरिका के इशारे पर फ‍िजी ने चीन को ललकारा, हिंद प्रशांत क्षेत्र में कूटनीतिक जंग हुई तेज
अमेरिका के इशारे पर फ‍िजी ने चीन को ललकारा, हिंद प्रशांत क्षेत्र में कूटनीतिक जंग हुई तेज। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। हिंद प्रशांत क्षेत्र का एक प्रमुख द्विपीय राष्‍ट्र फ‍िजी अमेरिका के इंडो-पैसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क में शामिल होगा। अमेरिका के इस ऐलान के बाद चीन को जोर का झटका लगा है। खास बात यह है कि फ‍िजी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने फ‍िजी सहित प्रशांत द्वीप देशों के व्‍यापक दौरे पर है। ऐसे में प्रत्‍यक्ष रूप से फ‍िजी ने अमेरिका के क्‍वाड का समर्थन किया है। गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री इस समय हिंद प्रशांत क्षेत्र के दस मुल्‍कों के दौरे पर हैं। उन्‍होंने इस यात्रा की शुरुआत सोलोमन द्वीप से की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प हो गया है कि यहां ऊंट किस करवट बैठता है। फ‍िजी के अमेरिकी फ्रेमवर्क में शामिल होने से हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक नए शीत युद्ध का दौर शुरू हो गया है।

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हिंद प्रशांत क्षेत्र में कूटनीतिक जंग तेज

1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और चीन के मध्‍य कूटनीतिक जंग तेज हो गई है। उन्‍होंने कहा कि फिजी चीन और अमेरिका के बीच प्रभाव के मुकाबले में एक तनावपूर्ण मोर्चा बनता जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी कूटनीति को यह सफलता तब मिली है, जब सोलोमन पहुंचे चीनी विदेश मंत्री प्रशांत महासागर में आस्‍ट्रेलिया के बेहद करीब स्थित दस छोटे-छोटे देशों के साथ सुरक्षा व व्यापार समझौता करने जा रहे हैं। आस्ट्रेलिया सोलोमन में चीन के दखल को खतरा मानता है। ऐसे में चीन की इस चाल से आस्ट्रेलिया और अमेरिका तनाव में हैं। ऐसे में फ‍िजी का अमेरिका के साथ आना काफी अहम माना जा रहा है।

2- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि ये सभी द्वीप हिंद प्रशांत क्षेत्र में बहुत अहम भू-रणनीतिक महत्‍व रखते हैं। प्रशांत महासागर के सभी द्वीप आस्‍ट्रेलिया के पूर्वोत्‍तर में स्थित हैं। यह वही जगह है जहां से अमेरिका के गुआम द्वीप से आस्‍ट्रेलिया के बीच जंगी जहाज गुजरते हैं। अमेरिका और आस्‍ट्रेलिया दोनों ही इस बात से चिंतित हैं कि दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रहा चीन अब अपनी पहुंच को प्रशांत महासागर में बढ़ा रहा है। हालांकि अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि यह प्रस्‍तावित कानून प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों में चीन के साथ रिश्‍तों को लेकर बहुत समर्थन हासिल कर पाएगा।

अमेरिका ने फ‍िजी का किया जोरदार स्‍वागत

अमेरिका ने आईपीईएफ के संस्थापक सदस्य के रूप में फिजी का जोरदार स्वागत किया है। अमेरिकी नेतृत्व वाले इस समूह में अब पूर्वोत्तर और दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, ओशिनिया और प्रशांत द्वीप समूह के देश शामिल हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में फिजी के अहम योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने एक बयान में कहा कि पूरी दुनिया में, हम एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर एकजुट हैं।

चीन और जापान को घेरने की तैयारी में ड्रैगन

क्‍वाड और आकस सुरक्षा समझौते से चिंतित चीन ने आस्‍ट्रेलिया और जापान को घेरने की तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए ड्रैगन हिंद प्रशांत महासागर में आस्‍ट्रेलिया के करीब स्थित दस देशों के साथ सुरक्षा समझौता करने जा रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोलोमन द्वीप के साथ बेल्‍ट एंड रोड और सुरक्षा डील से शुरुआत भी कर दी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोलोमन द्वीप की यात्रा को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। चीन के इस कदम से अमेरिका और आस्‍ट्रेलिया दोनों ही तनाव में आ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हिंद प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा। आखिर चीनी विदेश मंत्री वांग की सोलोमन द्वीप की यात्रा का मकसद क्‍या है। इससे अमेरिका और आस्‍ट्रेलिया की चिंता क्‍यों बढ़ गई है।


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