विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ समस्या को बताया 'तीव्र चुनौती', पाक पर आतंकवाद को लेकर किया कटाक्ष
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को चीन के साथ समस्या को एक तीव्र चुनौती बताया और पाकिस्तान पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद से सीमा पार आतंकवाद की समस्या अभी भी जारी है। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
वियना, एजेंसी। विदेश मंत्री एस जयशंकर साइप्रस के बाद रविवार को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना पहुंचे। यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। इसका अधिकांश हिस्सा चीन के साथ देश की उत्तरी सीमा पर सामने आने वाली तीव्र चुनौतियों के आसपास केंद्रित है। पाकिस्तान के साथ सीमा पार से आतंकवाद की समस्या भी बनी हुई है।
बांग्लादेश के साथ संबंधों में सुधार
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों में काफी सुधार किया है और उसके साथ जमीनी सीमा का समझौता किया है। यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे सफल कूटनीति मजबूत संबंधों में सीधे तौर पर योगदान देती है।
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9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़ंप
भारतीय और चीनी सैनिक 9 दिसंबर 2022 को तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भिड़ गए। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं। पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। झड़प के बाद संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि चीन को भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब दिया। गलवान की घटना एक और घटना थी, जिसने भारत-चीन के संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया था।
बांग्लादेश के साथ संबंधों में सुधार
बांग्लादेश के साथ संबंधों के बारे में वियना में जयशंकर ने कहा, "अगर कोई एक सीमा और एक क्षेत्र है, जिसमें पिछले एक दशक में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है, तो यह वास्तव में पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत है। इसका कारण यह है कि हमने वास्तव में बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में काफी सुधार हुआ है। हमने उस देश के साथ अपने भूमि सीमा समझौते को सुलझा लिया है।"
ऑस्ट्रिया के चांसलर से मुलाकात
इससे पहले, जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत की। नए साल में यह उनकी पहली कूटनीतिक वार्ता थी। इस दौरान उन्होंने चांसलर कार्ल नेहमर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। इस दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
विदेश मंत्री ने बुल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन जार्जिएव रादेव और ऑस्ट्रिया के अपने समकक्ष अलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ भी बात की। पिछले 27 वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली आस्टि्रया यात्रा है। शालेनबर्ग ने मार्च, 2022 में भारत यात्रा की थी।
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