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भ्रष्‍टाचार के मामले में दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति ली बाक जेल भेजे गए, 2008 में पहली बार गए थे जेल

सुप्रीम कोर्ट ने उन पर चल रहे मुकदमों में 17 साल की सजा सुनाई है। ज्ञात हो कि ली म्युंग बाक के पांच साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने पर देशभर में जबर्दस्त आंदोलन हुए थे। आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 03:35 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 03:35 PM (IST)
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति ली म्युंग बाक की फाइल फोटो।

सियोल, एजेंसी। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति ली म्युंग बाक दो बार जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर जेल भेज दिए गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति पर 2008 से लेकर 2013 तक के शासन के दौरान भ्रष्टाचार और कई बड़ी कंपनियों से घूस लेने के मामले अदालत में चल रहे थे। बता दें कि निचली अदालत ने उन्हें 2008 में 15 साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद ली म्युंग बाक जेल भेजे गए, लेकिन बाद में उच्‍च अदालत के आदेश पर दो बार जमानत पर बाहर आए। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने उन पर चल रहे मुकदमों में 17 साल की सजा सुनाई है। ज्ञात हो कि ली म्युंग बाक के पांच साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने पर देशभर में जबर्दस्त आंदोलन हुए थे। आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी। 

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भ्रष्‍टाचार के मामले में वर्ष 2019 में उन्‍हें उच्‍च अदालत से बड़ी राहत मिली। जेल में एक वर्ष तक रहने के बाद उच्‍च अदालत ने बाक को जमानत पर रिहा कर दिया। बाक ने अपने खराब स्‍वास्‍थ्‍य व अन्‍य कारणों को आधार बनाते हुए जमानत की अपील की थी। हालांकि, जमानत के लिए बाक को अदालत में एक अरब वॉन की राशि चुकानी पड़ी थी। बता दें कि बाक को रिश्‍वत और गबन के मामले में निचली अदालत ने 15 वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। इसको लेकर उन्‍होंने ऊपरी अदालत में अपील की थी। गौरतलब है कि वर्ष 2008 से 2013 तक बाक दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति रहे। 

यह पूरा मामला कलपुर्जे बनाने वाली विवादास्पद कंपनी डीएएस का है। इस मामले में अदालत ने पाया कि ली ने दावा किया कि वाहन के कलपुर्जे बनाने वाली विवादास्पद कंपनी डीएएस उनके भाई की है, जबकि उसके असली मालिक वह खुद थे। ली ने इस कंपनी का उपयोग करीब 24 अरब वॉन का बेईमानी का पैसा बनाने के लिए किया था। ली को सैमसंग से करीब छह अरब वॉन लेने का भी दोषी पाया गया। कर चोरी में जेल गए सैमसंग के अध्यक्ष ली कुन-ही को उसके बदले में राष्ट्रपति से माफी मिली। वैसे सैमसंग और ली दोनों ने ही किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।


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