चीन में होती है हर विदेशी पत्रकार की निगरानी, वतन लौटे ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने बयां की हकीकत
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार कार्नी ने बताया कि एक बार हम लोग शिनजियांग प्रांत में स्थित हिरासत शिविरों के संबंध में रिपोर्टिग करने गए थे। लोगों के बयान ले ही रहे थे कि इसी दौरान 20 पुलिस वालों ने हम लोगों को घेर लिया।
कैनबरा, एएनआइ। चीन में मीडिया बिल्कुल स्वतंत्र नहीं है और वहां पर मौजूद प्रत्येक विदेशी पत्रकार की निगरानी की जाती है। यह बात 2016 से 2018 तक ऑस्ट्रेलिया के न्यूज नेटवर्क एबीसी के चाइना ब्यूरो प्रमुख रहे मैथ्यू कार्नी ने एक लेख में कही है। लेख में उन्होंने चीन में रहने के दौरान वहां के सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने का भी जिक्र किया है।
चीनी अधिकारियों द्वारा तीन महीने तक प्रताड़ित किए जाने के बाद परिवार सहित ऑस्ट्रेलिया लौटे कार्नी ने बताया कि उन पर निगरानी रखने का काम वर्ष 2018 में शुरू हुआ। सबसे पहले सेंट्रल साइबर अफेयर्स कमीशन से एक व्यक्ति का फोन आया। उसने बताया कि जिस तरह की उनके द्वारा रिपोर्टिग की जा रही है, वह चीन के नियमों के विरुद्ध है। इससे देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय गौरव को क्षति पहुंच रही है।
विदेशी पत्रकारों की चीन करता है साइबर निगरानी
कार्नी ने कहा कि चीन में विदेशी पत्रकारों की किस तरह निगरानी की जाती है, इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है। हम लोग शिनजियांग प्रांत में स्थित हिरासत शिविरों के संबंध में रिपोर्टिग करने गए थे। लोगों के बयान ले ही रहे थे कि इसी दौरान 20 पुलिस वालों ने हम लोगों को घेर लिया। जब हम लौटकर होटल आए तो आधी रात में मेरे कमरे का दरवाजा किसी ने खटखटाया और मेरी दिनचर्या के बारे में पूछा। विदेशी पत्रकारों की साइबर निगरानी भी की जाती है। एक रात जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि किसी ने मेरा मोबाइल फोन हैक कर रखा है और मेरे ई-मेल चेक कर रहा है।
गौरतलब है विदेशी पत्रकारों के साथ किए गए दुर्व्यहार और निगरानी का यह कोई पहला मामला नहीं है। अमेरिकी सांसद भी चीनी अधिकारियों पर पत्रकारों पर निगरानी का आरोप लगाते रहे हैं। विदेशी पत्रकारों की निगरानी को लेकर चीन दुनियाभर में बदनाम है।