यूरोपीय यूनियन की संसद ने दी ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी, कल ईयू से अलग हो जाएगा ब्रिटेन
यूरोपीय यूनियन (ईयू) की संसद ने बुधवार को गरमा-गरम बहस के बाद ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दे दी।
ब्रसेल्स, एपी। यूरोपीय यूनियन (ईयू) की संसद ने बुधवार को गरमा-गरम बहस के बाद ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दे दी। यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने ब्रिटेन को हिदायत भी दी कि वह आगामी व्यापार वार्ता में ज्यादा रियायतों की मांग न करे। अब ब्रिटेन शुक्रवार को ईयू से अलग हो जाएगा।
बहुमत से ब्रेक्जिट समझौते पर लगी मुहर
चार साल तक चले घटनाक्रम के बाद बुधवार को यूरोपीय यूनियन की संसद ने 49 के मुकाबले 621 मतों के बहुमत से ब्रेक्जिट समझौते पर मुहर लगा दी। इस समझौते पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले साल के अंत में ईयू के 27 अन्य नेताओं के साथ वार्ता के बाद अंतिम रूप दिया था। ब्रिटेन ने जून-2016 में हुए जनमत संग्रह में ब्रेक्जिट को मंजूरी दी थी। हालांकि ब्रिटेन अभी इस साल के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा, लेकिन उसका नीतिगत मामलों कोई दखल नहीं होगा और न ही वह ईयू का सदस्य रह जाएगा।
ब्रिटने की संसद की लग चुकी है मुहर
ब्रिटेन की संसद ने पिछले हफ्ते ब्रेग्जिट विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही यूरोपीय यूनियन (ईयू) से ब्रिटेन के अलग होने का रास्ता साफ हो गया है। इसके बाद ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मंजूरी मिलने के बाद कानून का रूप ले लिया था। 31 जनवरी को ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाएगा। ब्रेग्जिट विधेयक को मंजूरी एक बड़ा अहम कदम माना जा रहा है। बता दें कि ब्रिटेन संसद का निचला सदन सदन हाउस ऑफ कॉमंस पहले ही ईयू से निकलने से संबंधित ब्रेग्जिट विधेयक पर अपनी मुहर लगा चुका था। अब संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भी इस बिल को मंजूरी मिल गई है।
31 जनवरी को पीएम देश को करेंगे संबोधित
10 डाउनिंग स्ट्रीट पर एक बड़ी घड़ी के जरिए काउंट डाउन शुरू किया गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ब्रेक्जिट से ठीक पहले स्थानीय समयानुसार 31 जनवरी की रात के 11 बजे देश को संबोधित करेंगे। उससे पहले वह कैबिनेट की विशेष बैठक की अध्यक्षता करेंगे। स्कॉटलैंड, नार्दर्न आयरलैंड और वेल्स सहित ब्रिटेन के सभी हिस्सों में एकता का संदेश देने के लिए वह इस बैठक का आयोजन करेंगे। ब्रेग्जिट विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद देश में काफी खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है।
2016 में ब्रेक्जिट को लेकर हुआ था जनमत संग्रह
गौरतलब है कि ब्रिटेन में 23 जून 2016 को आम जनता से मतदान के जरिए पूछा गया कि क्या ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन में रहना चाहिए या नहीं? तक 52 फीसद वोट ईयू से निकल जाने के लिए मिले। वहीं, 48 फीसद लोग ईयू में बने रहने के हक में दिखाई दिए थे। ब्रिग्जेट समर्थकों का कहना था कि देश से जुड़े फैसले देश में ही होने चाहिए। इसके बाद इस पर लंबी बहस हुई और अब आखिरकार संसद ने अपनी मुहर लगा दी। अब ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन का हिस्सा नहीं रहेगा।