बिना किसी घोषणा के पर्यावरण सम्मेलन समाप्त, पर्यावरण सुधार पर नहीं हुआ कोई निर्णय
सम्मेलन बिना घोषणा के संपन्न। नुकसानदायक गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए सभी देश अपने प्रयासों को बढ़ाएं जिससे उसके दुष्प्रभावों पर नियंत्रण लगे।
मैड्रिड, एपी। पर्यावरण पर आयोजित दो सप्ताह का सम्मेलन रविवार को खत्म हो गया, लेकिन इस दौरान पर्यावरण सुधार पर चली लंबी चर्चा के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका। हां, पेरिस समझौते को उचित रूप से लागू करने पर प्रमुख देश जरूर सहमत थे। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में करीब 200 देशों ने हिस्सा लिया।
हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करने को सभी देश सहमत
पर्यावरण पर दो सप्ताह चली चर्चा में ज्यादातर देशों ने नुकसान पहुंचाने वाली गैसों के उत्सर्जन पर चिंता जताई। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन नियंत्रित करने की आवश्यकता जताई गई। पर्यावरण में हो रहे बदलाव से समस्याएं झेल रहे गरीब देशों ने मदद की मांग की। इन सारे बिंदुओं पर सम्मेलन में सबसे लंबी चर्चा हुई लेकिन पर्यावरण सुधार के लिए कोई नया कार्यक्रम फलक पर नहीं आया। अगला वार्षिक सम्मेलन ग्लासगो में होगा।
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर धनी देशों की इच्छाशक्ति पर उठे सवाल
सम्मेलन में पर्यावरण समूहों और कार्यकर्ताओं ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर धनी देशों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाए। कहा, पर्यावरण से जुड़े मसलों पर गंभीरता दिखाने की जगह ये देश मामूली काम करते हैं। इससे समस्या जस की तस बनी हुई है।
कोयले के कारोबार पर सम्मेलन में कोई निर्णय नहीं लिया गया
दुनिया में कोयले के कारोबार पर सम्मेलन में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। कोयले के जलने से ही सबसे ज्यादा मात्रा में जहरीली गैसें निकलती हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं।
अगला पर्यावरण सम्मेलन ग्लासगो में होगा
अब यह मसला एक साल के लिए टल गया है। अब ग्लासगो में इस विषय पर बात होगी।
सम्मेलन पर्यावरण सुधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका
पर्यावरण सुधार के लिए किसी घोषणा तक पहुंचने के लिए सम्मेलन में भरसक कोशिश हुई, लेकिन अंतत: वह विफल रही। सबसे लंबे समय दो सप्ताह के इस सम्मेलन में 40 घंटे अतिरिक्त चर्चा हुई। रविवार को समापन सत्र में प्रतिनिधियों ने रात भर जगकर किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वे विफल रहे।
सम्मेलन बिना किसी घोषणा के समाप्त
सम्मेलन बिना किसी घोषणा के संपन्न हो गया। पूर्व में पारित चिली-मैड्रिड टाइम फॉर एक्शन के पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि नुकसानदायक गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए सभी देश अपने प्रयासों को बढ़ाएं जिससे उसके दुष्प्रभावों पर नियंत्रण लगे।