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श्रीलंका में 35 रुपये का बिक रहा भारत से आयातित अंडा, IMF से मिला 33 करोड़ अमरीकी डालर

श्रीलंका में भारत से आयातित अंडे की पहली खेप पहुंच चुकी है।बेकरी मालिकों को एक अंडे के लिए 35 रुपये चुकाना पड़ रहा है। श्रीलंका के व्यापार और खाद्य सुरक्षा मंत्री नलिन फर्नांडो ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत से करीब 20 लाख अंडे का आयात किया गया है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 01 Apr 2023 12:25 AM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2023 12:25 AM (IST)
श्रीलंका में 35 रुपये का बिक रहा भारत से आयातित अंडा, IMF से मिला 33 करोड़ अमरीकी डालर
श्रीलंका में 35 रुपये का बिक रहा भारत से आयातित अंडा।

कोलंबो, पीटीआई। श्रीलंका में भारत से आयातित अंडे की पहली खेप पहुंच चुकी है। बेकरी मालिकों को एक अंडे के लिए 35 रुपये चुकाना पड़ रहा है। श्रीलंका के व्यापार और खाद्य सुरक्षा मंत्री नलिन फर्नांडो ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत से करीब 20 लाख अंडे का आयात किया गया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट कमेटी में इसे लेकर फैसला हुआ था।

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35 रुपया है एक अंडे की कीमत

बेकरी एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर से कहा गया है कि भारत से मंगाए गए अंडे का वितरण गुरुवार को बेकरी मालिकों को किया गया था। प्रति अंडे की कीमत 35 रुपये है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंडे का आयात बेकरी, होटल और रेस्तरां के लिए किया जाएगा। बेकरी से जुड़े उत्पादों की कीमतों में आने वाले समय में कमी लाई जाएगी।

गत वर्ष श्रीलंका में आर्थिक संकट उत्पन्न होने के बाद से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से बेलआउट योजना को मंजूरी देने के बाद से यहां हालात में सुधार हो रहा है। इस हफ्ते वहां पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भी कटौती की गई थी।

अर्थव्यवस्था को और स्थिर करने को घरेलू ऋण पुनर्गठन के विकल्प तलाश रहा श्रीलंका

मालूम हो कि आर्थिक बदहाली से जूझ रहा श्रीलंका आइएमएफ से बेलआउट पैकेज की पहली किस्त मिलने के बाद काफी राहत महसूस कर रहा है। अब वह अपनी चरमराती अर्थव्यवस्था को और स्थिर करने के लिए घरेलू ऋण पुनर्गठन के विकल्प तलाश रहा है। गुरुवार को एक निवेशक प्रस्तुति देने के बाद श्रीलंकाई सरकार ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष बेलआउट कार्यक्रम की पहली किस्त के रूप में श्रीलंका को इस महीने 33 करोड़ अमरीकी डालर प्राप्त हुए हैं। यह कर्ज में डूबे देश के लिए बेहतर राजकोषीय अनुशासन और बेहतर शासन का मार्ग प्रशस्त करेगा। सेंट्रल बैंक के गवर्नर और ट्रेजरी के सचिव ने गुरुवार को कहा था कि अधिकारी तरलता राहत के उद्देश्य से घरेलू ऋण पुनर्गठन के विकल्प भी तलाशें, जिससे श्रीलंका की पुनर्भुगतान क्षमता के कम होने की आशंका से बचा जा सकता है।


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