Move to Jagran APP

बड़े नुकसान से बचने को पर्यावरण सुधार के प्रभावी कदम उठाए जाएं, यूएनईपी ने रिपोर्ट जारी कर किया आगाह

विकासशील देशों में सरकार और निजी क्षेत्र को पर्यावरण सुधार के लिए मिलकर तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। जो योजनाएं बनाई जाएं वे प्रकृति पर आधारित हों-उनसे पर्यावरण सुधार को मदद मिले। मानव जीवन में हरियाली को बढ़ावा दिया जाए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:59 PM (IST)
बड़े नुकसान से बचने को पर्यावरण सुधार के प्रभावी कदम उठाए जाएं, यूएनईपी ने रिपोर्ट जारी कर किया आगाह
पेरिस समझौते में किया गया है इसका प्राविधान

नैरोबी, आइएएनएस। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पर्यावरण में बदलाव प्रभावी हो रहे हैं। पर्यावरण संबंधी वास्तविकताएं महंगी पड़नी शुरू हो गई हैं-नुकसान सामने आने लगे हैं। इसलिए देश मिल-जुलकर पर्यावरण सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएं। धरती को बचाने के लिए यह आवश्यक है। यह बात संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने कही है।

loksabha election banner

गुरुवार को आई यूएनईपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस समझौते में कार्बन उत्सर्जन को कम करके पृथ्वी का तापमान नियंत्रित करने का संकल्प लिया गया है। इसलिए इस समझौते पर दस्तखत करने वाले देश कार्बन उत्सर्जन को रोकने की कार्ययोजना अपनी राष्ट्रीय योजना में शामिल करें। प्रदूषण रहित परियोजनाओं में निवेश करें और उन्हें व्यवस्था का अंग बनाएं। विकासशील देशों को धन की कमी से यह कार्य करने में मुश्किल आ सकती है। इसलिए उनको आर्थिक सहायता देने की जिम्मेदारी विकसित देशों को लेनी होगी। पेरिस समझौते में इसका प्राविधान किया गया है। पर्यावरण सुधार के लिए कदम उठाए जाने से सूखा, बाढ़ और समुद्री जल का स्तर ऊंचा उठने जैसी समस्याओं पर नियंत्रण लगेगा। इन समस्याओं से संपूर्ण मानवता और जानवरों को नुकसान उठाना पड़ता है। गरीब और जानवर इससे सबसे पहले प्रभावित होते हैं।

विकासशील देशों में सरकार और निजी क्षेत्र को पर्यावरण सुधार के लिए मिलकर तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। जो योजनाएं बनाई जाएं वे प्रकृति पर आधारित हों-उनसे पर्यावरण सुधार को मदद मिले। मानव जीवन में हरियाली को बढ़ावा दिया जाए।

यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहा है कि पर्यावरण में हो रहे बदलाव का असर बढ़ता जा रहा है। देश और समुदाय इसकी चपेट में आ रहे हैं। धरती के तापमान को बढ़ने से रोकना सबके लिए जरूरी है। पेरिस समझौते के अनुसार यह तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस पर लाना है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने भी तापमान नियंत्रित करने के प्रयास में सभी देशों की भागीदारी पर जोर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.