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Economic Crisis in Pakistan: पाक में आर्थिक संकट और गहराया, विदेशी मुद्रा भंडार से पाक की 'लाइफ लाइन' प्रभावित

Economic Crisis in Pakistan ऐसे में पाकिस्‍तान सरकार के पास क्‍या विकल्‍प बचे हैं। एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था पर क्‍या प्रभाव डाला। महंगाई का असर आखिर पाकिस्‍तान की लाइफ लाइन कही जाने वाली चाय पर कैसे पड़ा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 28 Nov 2022 03:58 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 03:59 PM (IST)
Economic Crisis in Pakistan: पाक में आर्थिक संकट और गहराया। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। फरवरी में पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16 अरब डालर था यह जून के पहले हफ्ते में 10 अरब डालर पहुंच गया। पाकिस्‍तान में विदेश मुद्रा भंडार की स्थिति और भी खराब हो गई है। इस समय पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में आठ अरब डालर से भी कम धनराशि है। इसमें 29 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से मिलने वाली 1.2 अरब डालर की धनराशि शामिल होगी। यह राशि महज दो महीने के आयात बिल को चुका पाएगी। ऐसे में पाकिस्‍तान सरकार के पास क्‍या विकल्‍प बचे हैं। एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था पर क्‍या प्रभाव डाला। महंगाई का असर आखिर पाकिस्‍तान की लाइफ लाइन कही जाने वाली चाय पर कैसे पड़ा।

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आईएएमएफ पर टिकी पाकिस्‍तान की नजर

1- ऐसे में पाकिस्‍तान की लड़खड़ाती अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के लिए पाकिस्‍तान सरकार को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष की कठोर शर्तों को मानना होगा। लड़खड़ाती अर्थव्‍यवस्‍था के बीच पाकिस्‍तान में तीन बार तेल के दाम बढ़ाए गए। 26 मई से अभी तक वहां पेट्रोल के दाम में 84 पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि की जा चुकी है। इतना ही नहीं महंगाई का असर लाइफ लाइन कही जाने वाली चाय पर भी पड़ा है।

2- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में शामिल होने के बाद पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। पाकिस्‍तान वर्ष 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में शामिल हुआ था। इस सूची में रहने से देश में निवेश या आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ता है।

3- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि एफएटीएफ का फैसला और आइएमएफ का पाकिस्‍तान की ओर रुख आपस में जुड़े हैं। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के ग्रे लिस्‍ट से बाहर होते ही आईएमएफ का रुख भी उसके प्रति सकारात्‍मक होगा। पाकिस्तान को ऋण देने जैसे कदमों के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि अगर पाकिस्‍तान ग्रे लिस्‍ट में बना रहता तो उसके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती थी।

चाय (लाइफ लाइन) पर पड़ा महंगाई का असर

1- पाकिस्‍तान में महंगाई का असर चाय पर भी पड़ा है। खास बात यह है कि पाकिस्‍तान दुनिया में चाय का सबसे बड़ा आयातक देश है। पाकिस्‍तान हर वर्ष 25-24 करोड़ किलो चाय आयात करता है। इस पर पाकिस्‍तान का सालाना आयात बिल करीब 450 मिल‍ियन डालर है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के लिए चाय लाइफलाइन की तरह है। प्रो पंत का कहना है कि पाकिस्‍तान में चाय एक फूड आइटम की तरह है। यह भोग विलास का सामान नहीं है। गरीब आदमी एक कप चाय और रोटी से खाना खाता है।

2- पाकिस्‍तान में ज्‍यादातर चाय आयातित है। पाकिस्‍तान में चाय की आपूर्ति पूर्वी अफ्रीकी देशों से होती है। खासकर कीनिया, तंजानिया, युगांडा और बुरुंडी से। इन देशों में चाय सस्‍ती दामों पर सुलभ होती है। पाकिस्‍तान में चाय की कीमत 850 पाकिस्‍तानी रुपये है। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष के आरंभ में चाय की कीमत सौ रुपये कम थी। इसलिए महंगाई का असर गरीबों पर पड़ा है। महंगाई के चलते कई वर्षों से चाय की प्रति कैपिटा खपत एक किलो पर ही स्थिर है।

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