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Earthquake in Philippines: भूकंप के तेज झटकों से दहला फिलीपींस, सुनामी की चेतावनी नहीं

Earthquake in Philippines फिलीपींस के मिंडानाओ द्वीप में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जानकारी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 12:30 PM (IST)
Earthquake in Philippines: भूकंप के तेज झटकों से दहला फिलीपींस, सुनामी की चेतावनी नहीं

मनीला, एजेंसी। Earthquake in Philippines,फिलीपींस के मिंडानाओ द्वीप में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जानकारी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई। जानकारी अनुसार इस भूकंप में अभी तक किसी तरह की जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप का झटका इतना तेज था कि लोग घर से बाहर निकल आए। हालांकि, भूकंप के कारण किसी प्रकार की सुनामी की चेतावनी नहीं जारी की गयी है।

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यूरोपियन मेडिटरेनियन सीसमोलॉजिकल सेंटर (EMSC)  के अनुसार भूकंप का केंद्र जोस अबाद सैंटोस शहर से 126 किमी (78 मील) दक्षिण-पूर्व में था। भूकंप के बाद कई जगह आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए। फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वॉलकेनोलॉजी और सिस्मोलॉजी (Phivolcs) के अनुसार भूकंप का इटका किडापावन, दावो, सारंगानी, जनरल सैंटोस, कैग्यान हिरो, गिंगोगोग और मिंडानाओ द्वीप पर बिस्लाग शहर में भी महसूस किया गया।

तीन हफ्ते पहले आया था भूकंप

इससे पहले लगभग तीन हफ्ते पहले फिलीपींस भूकंप के झटके से दहला था। इस दौरान सारंगानी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थी। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई थी। इससे पहले जुलाई में एक ही दिन में भूकंप के तीन बड़े झटकों से हिल उठा था।

जुलाई में आया था भूकंप

इस दौरान फिलीपींस के मुख्य लुज़ोन द्वीप के उत्तर में बाटनेस द्वीप समूह में भूकंप के झटकों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे।यह भूकंप 12 किमी की गहराई पर, इटबायट शहर से लगभग 12 किलोमीटर उत्तर पूर्व में आया था। वहीं इसी इलाके में तीन घंटे बाद 5.9 तीव्रता का एक और भूकंप भी आया। इसके बाद तीसरा भूकंप 5.7 की तीव्रता से आया।

क्यों आता है भूकंप

पृथ्वी बारह टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है, जिसके नीचे तरल पदार्थ लावा के रूप में है। ये प्लेटें लावे पर तैर रही होती हैं। इनके टकराने से ही भूकंप आते हैं। टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं और खिसकती भी हैं। हर साल ये प्लेट्स करीब 4 से 5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। इस क्रम में कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। जिनकी वजह से भूकंप आते हैं।


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