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नेपाल में अनोखी परंपरा से मनी विजयदशमी, शरीर के ऊपर श्रद्धालुओं ने जलाए दिए

नेपाल में लंबे समय से श्रद्धालु इस अनोखी परंपरा का निर्वाह करते चले आ रहे हैं। इसमें विभिन्न आयुवर्ग के लोग भाग लेते हैं। लोग करीब छह घंटे तक एक अवस्था में रहते हैं। परिवार के सदस्य ध्यान रखते हैं कि कोई दीया गिरे नहीं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 08:34 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 09:06 PM (IST)
श्रद्धालु जमीन पर लेट जाते हैं और शरीर को गाय के गोबर से ढक दिया जाता है

भक्तपुर, एएनआइ। नेपाल में कुछ हिंदू विजयदशमी पर अनोखी परंपरा का निर्वाह करते हैं। जमीन पर लेट जाते हैं और शरीर को गाय के गोबर से ढक दिया जाता है। इसके बाद उसके ऊपर दीये जलाए जाते हैं। मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु भगवान का आभार जताते हैं।

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नेपाल में लंबे समय से श्रद्धालु इस अनोखी परंपरा का निर्वाह करते चले आ रहे हैं। इसमें विभिन्न आयुवर्ग के लोग भाग लेते हैं। लोग करीब छह घंटे तक एक अवस्था में रहते हैं। परिवार के सदस्य ध्यान रखते हैं कि कोई दीया गिरे नहीं।

अपने कंधे और सिर पर दीया रखने वाले एक किशोर के पिता महेश्वर अमात्य ने कहा, 'आज विजयदशमी है। वह कुछ वर्षो से इस परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। करीब दो-तीन साल पहले उन्होंने यह प्रक्रिया शुरू की थी और इसे जारी रखना चाहते हैं। लाकडाउन के कारण पिछले वर्ष यह संभव नहीं हो पाया, लेकिन इस साल ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। मंदिर भी खुले हैं, इसलिए हमने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया।'

अमात्य ने कहा, 'यह एक धार्मिक परंपरा है और बच्चों के साथ बुजुर्ग भी इसका निर्वाह करते हैं। इस परंपरा में भाग लेने वाले भगवान से कुछ मांगते हैं और उनका आभार जताते हैं।'

बता दें कि भारत समेत विश्व के अनेक देशों में शुक्रवार को विजयदशमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया गया। देश के कई अलग-अलग स्थानों पर आज रावण का पुतला फूंककर लोगों ने बुराई पर सत्य की जीत का संदेश दिया। 

गौरतलब है कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार दशहरा या विजयादशमी का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशहरा के दिन लंका के राजा रावण, भाई कुंभकर्ण एवं पुत्र मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। देशभर में होने वाली रामलीलाओं का अंतिम दिन भी दशहरा को ही होता है। पुतला दहन के साथ रामलीलाओं का समापन होता है।


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