Move to Jagran APP

DATA STORY: कोरोना के बावजूद 2020 में 7 फीसद ज्यादा जंगल हुए नष्ट, जानें किस देश में कितने कटे पेड़

2020 में करीब एक लाख वर्ग मील पेड़ों की क्षति हुई है। यह क्षेत्र अमेरिका के कोलोराडो राज्य के बराबर है। वहीं उष्ण कटिबंध के आर्द्र प्राथमिक वनों की बात करें तो इनका वन उन्मूलन ज्यादा हुआ है। पिछले साल 16 हजार वर्ग मील आर्द्र प्राथमिक वन कट गए।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 03:04 PM (IST)
DATA STORY: कोरोना के बावजूद 2020 में 7 फीसद ज्यादा जंगल हुए नष्ट, जानें किस देश में कितने कटे पेड़
2020 में वन उन्मूलन के कई कारण थे। रूस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में जंगल की आग, सूखा, कीड़ों का संक्रमण।

नई दिल्ली, जेएनएन। जंगली जीवों की रक्षा और जलवायु परिवर्तन को धीमा करने के लिए जंगल की कटाई रोकना सबसे जरूरी है। लेकिन पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के बावजूद जंगलों की कटाई नहीं थमी। 2019 से भी 7 फीसद ज्यादा पेड़ 2020 में कटे हैं। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के सैटेलाइट सर्वे में यह दावा किया गया है। हालांकि, पिछले साल ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में काफी कमी आई है।

loksabha election banner

रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में कुल मिलाकर करीब एक लाख वर्ग मील पेड़ों की क्षति हुई है। यह क्षेत्र अमेरिका के कोलोराडो राज्य के बराबर है। वहीं, उष्ण कटिबंध के आर्द्र प्राथमिक वनों की बात करें तो इनका वन उन्मूलन ज्यादा हुआ है। पिछले साल कुल 16 हजार वर्ग मील आर्द्र प्राथमिक वन कट गए, जो कि 2019 से 12 फीसद ज्यादा है।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के ग्लोबल चेंज साइंस के प्रोफेसर सिमोन लेविस ने कहा कि कोरोना महामारी में जीवन के कई क्षेत्रों में पाबंदियां थीं। इसके बावजूद जंगल की कटाई का बढ़ना चौंकाने वाला है।

आखिर क्यों कम हुए जंगल

रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में वन उन्मूलन के कई कारण थे। रूस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के जंगलों में लगी भयानक आग, सूखा और कीड़ों का संक्रमण इनमें प्रमुख हैं। वहीं, उष्ण कटिबंधीय वनों के कम होने के बड़े कारण अनियंत्रित आग और कृषि का विस्तार हैं। ब्राजील, जहां पर विशाल अमेजन वर्षा वन हैं, वहां पर उष्ण कटिबंध वनों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके कारण भी जंगल की आग और गैरकानूनी रूप से भूमि को साफ करना हैं। ये परिणाम बता रहे हैं कि दुनिया गलत दिशा में आगे बढ़ रही है, क्योंकि हमारा लक्ष्य तो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन को कम करना और जलवायु परिवर्तन को धीमा करना है। लेकिन प्राथमिक उष्णकटिबंधीय जंगलों में जितने पेड़ गिरे हैं, उससे वायुमंडल में 2.6 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन ज्यादा हुआ है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोधकर्ता फ्रांसेस सिमोर के मुताबिक, हम हर साल अलार्म बजाते हैं, लेकिन हम और ज्यादा तेजी से जंगलों को खो रहे हैं।

जंगलों का यह नुकसान स्थायी नहीं

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इन सबके बीच एक अच्छी बात यह है कि 2020 में जंगलों को हुआ नुकसान स्थायी नहीं है। खासकर, जब हम उष्ण कटिबंध के अलावा दूसरे जंगलों की बात करते हैं। इसका कारण यह है कि पिछले साल जिन जंगलों का नुकसान जंगल की आग के चलते हुआ है, वहां उम्मीद है कि जल्द नए पेड़ उग आएंगे। वहीं, पौधारोपण के लिए जिन पेड़ों की कटाई हुई है, उन्हें भी स्थायी नुकसान नहीं माना जाता है। इन सबके बावजूद उष्ण कंटिबंधीय वनों का नुकसान चिंता का सबक है, जो कि ज्यादा सोया और जानवरों का चारा उगाने के लिए काटे जा रहे हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.