मलेशिया में फेक न्यूज के खिलाफ पहली कार्रवाई, दानिश नागरिक को इस मामले में एक महीने की जेल
सुलेमान ने कोर्ट में पेश होने के बाद अपनी गलती स्वीकारी लेकिन गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उसने गुस्से में ये वीडियो पोस्ट किया था और किसी का नुकसान करने का उसका कोई इरादा नहीं था।
कुवालालंपुर (रायटर्स)। मलेशियन कोर्ट ने एक दानिश नागरिक को सोमवार को सोशल मीडिया पर पुलिस के गलत आलोचना करने के जुर्म में दोषी ठहराया है। बताया जाता है कि मलेशिया में यह पहला शख्स होगा जिसे फेक न्यूज के खिलाफ कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। 46 वर्षीय सालाह सलेम सालेह सुलेमान पर गलत खबर प्रसारित करने का आरोपी बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक, उसने यूट्यूब पर 50 मिनट के एक वीडियो पोस्ट करते हुए उसमें पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए तीखी आलोचना की थी। उसने फलस्तीनी लेक्चरर पर 21 अप्रैल को हुए हमले पर पुलिस की लेट कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। जबकि पुलिस ने कहा था कि उन्होंने बस 8 मिनट में इस मामले पर कार्रवाई की थी।
सुलेमान पर लगाए गए आरोपों में कहा गया उसने यूट्यूब पर गलत अवधारणा से पुलिस की आलोचना की थी। सुलेमान ने कोर्ट में पेश होने के बाद अपनी गलती स्वीकारी लेकिन गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उसने गुस्से में ये वीडियो पोस्ट किया था और किसी का नुकसान करने का उसका कोई इरादा नहीं था। मैं मानता हूं कि मैंने गलती की है, मैं वास्तव में केवल मलेशियाई पुलिस से नहीं बल्कि सभी से इस बात के लिए माफी मांगता हूं। आपको बता दें कि मलेशिया उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां फेक न्यूज के खिलाफ कानून बनाया गया है।
नियम के मुताबिक, दोषी को इसके लिए 128,000 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या कम से कम छह माह की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। जज ने सुलेमान को 2,552 डॉलर का जुर्माना लगाया लेकिन वह इसका भुगतान नहीं कर सकता है इसलिए उसे एक महीने जेल में गुजारने की सजा मिली है।
बता दें कि फलस्तीनी लेक्चरर फैद अल-बत्श की 21 अप्रैल को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस हालांकि अभी संदिग्धों की जांच कर रही है उनका मानना है कि हत्यारे अभी भी देश में ही हैं। मलेशियाई इंस्पेक्टर ने गोलीबारी के एक दिन के बाद कहा कि घटनास्थल पर हत्या के कुछ 8 मिनट के बाद ही एक पेट्रोल कार को देखा गया था साथ ही पुलिस में एक संदिग्ध कॉल को भी रिकॉर्ड किया गया था।