यूएन जलवायु सम्मेलन में पेरिस समझौते के नियमों पर बनी सहमति
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में पेरिस समझौते को लागू करने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। समझौते को लागू करने के लिए रूलबुक को दिया गया अंतिम रूप।
केटोवाइस, एएफपी। संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में पेरिस समझौते को लागू करने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। रविवार को करीब 200 देशों से आए प्रतिनिधियों ने पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्य हासिल करने के लिए नियम-कायदों (रूलबुक) को अंतिम रूप दिया। 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते में वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकने का लक्ष्य तय किया गया है। पेरिस समझौता 2020 से प्रभावी होना है।
इस सहमति पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली है। भारत का कहना है कि सम्मेलन में बनी सहमति सकारात्मक है। इससे ऐतिहासिक पेरिस समझौते को सफलतापूर्वक लागू करने का रास्ता तैयार होगा। इसमें सभी पक्षों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया है।
भारत ने यह भी कहा कि अपने हितों की रक्षा करते हुए उसने इस प्रक्रिया में सहयोग किया। वहीं भारत में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले समूह सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने इस सहमति को कमजोर और अपर्याप्त बताया है। सीएसई के उप महाप्रबंधक चंद्र भूषण ने कहा, 'पेरिस समझौतों को लागू करने के लिए यह बेहद कमजोर रूलबुक है। समझौते के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के हिसाब से यह बिलकुल अपर्याप्त है।'
जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते हालात पर कई मंचों पर चिंता जताई जा चुकी है। यूएन की हालिया रिपोर्ट में भी कहा गया था कि वर्तमान स्थिति बनी रही तो वैश्विक तापमान में वृद्धि को सीमित रखने का लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल होगा।