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अमेरिका-तालिबान की शर्तें नहीं की गई पूरी, अफगानिस्तान में अभी भी बचा है अमेरिका का कारोबार

फाक्स न्यूज के साथ खलीलजाद के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए टोलोन्यूज ने बताया कि अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत एक शर्त-आधारित समझौता किया था हालांकि नए प्रशासन ने कैलेंडर-आधारित वापसी को चुना।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 01 Nov 2021 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 01 Nov 2021 09:31 AM (IST)
अमेरिका-तालिबान की शर्तें नहीं की गई पूरी, अफगानिस्तान में अभी भी बचा है अमेरिका का कारोबार
तालिबान ने अमेरिका पर किए गए समझौते को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान के लिए पूर्व अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने कहा है कि अभी भी अमेरिका का अफगानिस्तान में कारोबार बचा है जो अभी पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह कारोबार ट्रंप प्रशासन में हुआ था और अफगानिस्तान से वापसी कैलेंडर-अधारित थी। फाक्स न्यूज के साथ खलीलजाद के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए टोलोन्यूज ने बताया कि अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत एक शर्त-आधारित समझौता किया था, हालांकि नए प्रशासन ने कैलेंडर-आधारित वापसी को चुना।

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इस तथ्य पर प्रकाश डालते हुए कि यूएस-तालिबान समझौते की कुछ शर्तों को अमल में नहीं लाया गया है, टोलो न्यूज ने खलीलजाद के हवाले से बताया, 'तालिबान ने उन्हें लागू नहीं किया है। हम उन समझौतों के लिए तालिबान को जवाबदेह ठहराना चाहते हैं। मैंने वकालत की कि अलग होने के बजाय हम तालिबान पर बातचीत करने और आतंकवाद से निपटने वाले शेष हिस्सों के कार्यान्वयन और एक व्यापक-आधारित सरकार की स्थापना पर एक समझौते पर पहुंचने के लिए दबाव बनाने की आवश्यकता है।'

हालांकि तालिबान ने अमेरिका पर किए गए समझौते को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। न्यूज चैनल ने तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद के हवाले से बताया कि दोहा में हस्ताक्षरित समझौता, हमारी ओर से लागू किया गया था। समझौते के महत्वपूर्ण बिंदुओं के बीच, इस बात का उल्लेख किया गया था कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ नहीं किया जाएगा और ना ही इसका उपयोग किया जाता है, जिसके सभी गवाह हैं।

अमेरिका और तालिबान ने फरवरी 2020 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का मार्ग प्रशस्त किया गया था। इससे पहले खलीलजाद ने कहा था कि अमेरिका तालिबान से युद्ध हार रहा है, इसकी भरपाई के लिए उसने तालिबान से समझौते को अंतिम विकल्प के रूप में चुना था। सीबीएस न्यूज से बात करते हुए, खलीलजाद ने कहा कि अमेरिकी सेना ने युद्ध के मैदान पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन वह असफल रही।


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