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Indian Tejas : मलेशिया में भारतीय तेजस और कोरियाई एफए-50 से हो रही तुलना, जानें- दोनों में कौन है श्रेष्‍ठ

मीडिया रिपोर्टों पर यकीन किया जाए तो मलेशिया ने एयरक्राफ्ट लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस प्रतियोगिता में चीन और रूस के जेट विमान कंपनियां भी शामिल है। एयरक्राफ्ट के मामले में भारतीय तेजस ने चीन और कोरिया के विमान को भी पीछे छोड़ा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 12 Sep 2022 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Sep 2022 01:13 PM (IST)
Indian Tejas : मलेशिया में भारतीय तेजस और कोरियाई एफए-50 से हो रही तुलना, जानें- दोनों में कौन है श्रेष्‍ठ
Tejas Fighter vs Korean FA-50: मलेशिया में भारतीय तेजस और कोरियाई एफए-50 से हो रही तुलना। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Tejas Fighter vs Korean FA-50: मलेशिया में एक बार भारतीय काम्‍बैट एयरक्राफ्ट तेजस और कोरियाई एफए-50 की चर्चा जोरों पर है। भारत और मलेशियाई एयरक्राफ्ट की तुलना की जा रही है। अगर मीडिया रिपोर्टों पर यकीन किया जाए तो मलेशिया ने एयरक्राफ्ट लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके पूर्व इस प्रतियोगिता में चीन और रूस के जेट विमान कंपनियां भी शामिल है। गौरतलब है कि मलेशिया अपने पुराने रूसी लड़ाकू विमान को बदलने के लिए काम्‍बैट एयरक्राफ्ट खरीदना चाहता है। लाइट काम्‍बैट एयरक्राफ्ट के मामले में भारतीय तेजस ने चीन और कोरिया के विमान को भी पीछे छोड़ा है। आइए जानते हैं कि आखिर इस युद्धक विमान की कौन सी खूबियां अमरिका को भी अपनी ओर खींच रही है और अपनी किन खूबियों के कारण यह मलेशिया की पहली पंसद बना।

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1- गौरतलब है कि भारत में बने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट को दक्षिण एशियाई देश मलेशिया के लड़ाकू जेट कार्यक्रम के लिए चुना गया है। इस फाइटर जेट की डील को लेकर भारत और मलेशिया के बीच वार्ता भी चल रही है। मलेशिया के लड़ाकू जेट कार्यक्रम की प्रतियोगिता में चीन, दक्षिण कोरिया,  रूस के दो विमान शामिल थे। हालांकि, तेजस ने इन सभी को पछाड़ कर पहला स्थान हासिल किया है। अब तेजस का मुकाबला दक्षिण कोरिया एफए-50 से है। हालांकि, कम कीमतों के कारण अभी भी तेजस इस प्रतियोगिता में बना हुआ है। 

2- इस दक्षिणपूर्वी एशियाई देश ने अपने पुराने युद्धक विमानों की जगह अत्याधुनिक तेजस विमानों की खरीद पर भारत से बातचीत शुरू कर दी है। भारतीय युद्धक विमान को चुनने से पहले मलेशिया ने चीन के जेएफ-17 जेट, दक्षिण कोरिया के एफए-50 और रूस के मिग-35 और याक-130 विमानों के विकल्पों पर भी विचार किया था। हालांकि, इन देशों के विमानों से इतर मलेशिया को अपनी वायुसेना के लिए भारत का तेजस सर्वश्रेष्ठ लगा। भारत ने मलेशिया को उसके रूसी मूल के विमानों एसयू-30 के लिए देखरेख, मरम्मत और जीर्णोद्धार की सुविधा बतौर पैकेज देने का भी प्रस्ताव किया है।

3- भारतीय तेजस कई मायनों में अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर है। चीन का JF-17 फाइटर जेट तेजस से सस्ता है, लेकिन तेजस Mk-IA वेरिएंट की खूबियों के आगे ये कहीं टिक नहीं पाता। तेजस कोरिया और चीन के लड़ाकू विमानों से कई गुना बेहतर, तेज, घातक और अत्याधुनिक है। उन्होंने कहा कि चीनी JF-17 सस्ता था, लेकिन तेजस Mk-IA के तकनीकी मापदंडों और भारत द्वारा पेश किए गए Su-30 बेड़े के रखरखाव से मेल नहीं खा सकता था। भारत मलेशिया को एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) भी दे रहा है। जिसके तहत मलेशिया में ही एक सुविधा का निर्माण किया जाएगा जहां भारतीय इंजीनियर तेजस सहित रूसी सुखोई एसयू-30 लड़ाकू जेट की मरम्मत करेंगे। दरअसल, यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण रूस के अंतरराष्ट्रीय सौदे पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है।

इन मुल्‍कों ने दिखाई भारतीय तेजस में दिलचस्‍पी

बता दें कि दुनिया भर में इन दिनों में भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में कई देशों ने अपनी दिलचस्‍पी दिखाई है। तेजस ने पूरी दुनिया में अपनी धूम मचाई है। इतना ही नहीं विश्‍व का सुपर पावर माना जाने वाला अमेरिका भी भारत से तेजस खरीदने की कोशिश कर रहा है। यह भारत के लिए खासकर रक्षा क्षेत्र में उत्‍साह बढ़ाने वाली खबर है। केंद्र सरकार ने कहा है कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत छह देशों ने भारत के लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। मलेशिया पहले ही भारत से तेजस विमान को खरीदने की तैयारी में जुटा है। 

तेजस विमान की खूबियां Tejas Fighter Jet Features

1- हाल में मलेशिया की पहली पसंद बनने के बाद भारत देश का पहला स्वदेशी विमान तेजस फाइटर जेट विमान सुर्खियों में था। अगर तेजस विमान की तुलना सुखोई से की जाए तो यह उससे ज्‍यादा हल्के हैं। ये विमान 8 से 9 टन तक बोझ लेकर उड़ने में पूरी तरह से सक्षम हैं। यह विमान उतने ही हथियार और मिसाइल लेकर उड़ सकता है, जितना इससे ज्‍यादा वजन वाला सुखोई विमान। अगर दक्षिण कोरिया के विमान से तुलना की जाए तो ये विमान तेजस की तुलना में ज्‍यादा महंगे है।

2- इनकी सबसे बड़ी खूबी इसकी स्‍पीड है। हल्‍के होने के कारण इनकी गति बेमिसाल है। ये विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ सकते हैं। तेजस भारत का पहला स्‍वदेशी लड़ाकू विमान है। इसमें 60 फीसद से ज्‍यादा कलपुर्जे देश में ही निर्मित हैं। इसकी दो रेंज (Range) हैं। इसमें मार्क-1ए और 10 तेजस मार्क-1ए (ट्रेनर) या प्रशिक्षण विमान हैं। एक तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान की कीमत 550 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है।


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