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इंडोनेशिया में ज्वालामुखी का ऊपरी हिस्सा ढहने से आई थी सुनामी

इंडोनेशिया में पिछले हफ्ते हुए विस्फोट में अनक क्रैकाटोआ ज्वालामुखी द्वीप का ऊपर से करीब दो तिहाई हिस्सा ढह गया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 09:42 PM (IST)
इंडोनेशिया में ज्वालामुखी का ऊपरी हिस्सा ढहने से आई थी सुनामी
इंडोनेशिया में ज्वालामुखी का ऊपरी हिस्सा ढहने से आई थी सुनामी

जकार्ता, एएफपी। इंडोनेशिया में पिछले हफ्ते हुए विस्फोट में अनक क्रैकाटोआ ज्वालामुखी द्वीप का ऊपर से करीब दो तिहाई हिस्सा ढह गया था। यह पूरा हिस्सा ढहकर समुद्र में समाने के कारण ही तटों पर भीषण सुनामी आई थी। 1883 में क्रैकाटोआ ज्वालामुखी के भयंकर विस्फोट से अनक क्रैकाटोआ द्वीप बना था। उस विस्फोट के कारण 36,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

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एक अधिकारी ने बताया कि इस ज्वालामुखी द्वीप की ऊंचाई पहले 338 मीटर हुआ करती थी, जो अब 110 मीटर रह गई है। अनुमान के मुताबिक, इस विस्फोट के कारण धीरे-धीरे करीब 15 से 18 करोड़ घन मीटर चट्टान व राख समुद्र में समा गई।

जापान की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा ली गई उपग्रह तस्वीरों से पता चला है कि ज्वालामुखी द्वीप का करीब दो वर्ग किलोमीटर हिस्सा समुद्र में समा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, सुनामी में 426 लोगों की मौत हुई है, जबकि 7,200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पश्चिमी जावा और दक्षिणी सुमात्रा के तटों पर सुनामी से करीब 1,300 घर ध्वस्त हो गए हैं।


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