Move to Jagran APP

भारत और म्यांमार को कमजोर करने के लिए अराकान आर्मी को हथियार देता है चीन, आर्मी चीफ ने दुनिया से मांगी मदद

म्यांमार के सेना प्रमुख ने तल्ख लहजे में चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह यहां के आतंकी समूहों को हथियार न दे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 06:15 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:15 AM (IST)
भारत और म्यांमार को कमजोर करने के लिए अराकान आर्मी को हथियार देता है चीन, आर्मी चीफ ने दुनिया से मांगी मदद
भारत और म्यांमार को कमजोर करने के लिए अराकान आर्मी को हथियार देता है चीन, आर्मी चीफ ने दुनिया से मांगी मदद

रंगून/ नेपिता, एजेंसियां। भारत और म्यांमार को कमजोर करने के लिए चीन म्यांमार स्थित सशस्त्र समूहों को धन और परिष्कृत हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। लिसाज न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया में अनुभव के आधार एक सैन्य सूत्र ने पुष्टि की कि चीन अराकान सेना को मिलने वाले फंड का लगभग 95 फीसद भुगतान कर रहा है। उन्होंने आगे बताया कि अराकान सेना के पास लगभग 50 मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें) हैं। 

loksabha election banner

दक्षिण एशिया में बहुआयामी खेल खेल रहा है चीन 

लिसाज न्यूज के अनुसार, म्यांमार और भारत पर बढ़त बनाने के लिए चीन अराकान आर्मी की मदद करता है। एक सूत्र ने बताया कि चीन की रणनीति अपना प्रभाव अपनी सीमा से दक्षिण में बढ़ाना है। अराकान सेना को समर्थन देने की इस रणनीति ने चीन को पश्चिमी म्यांमार यानी भारत-म्यांमार सीमा तक अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने में सक्षम बनाया है। एक ऑस्ट्रेलियाई विश्लेषक ने कहा कि चीन दक्षिण एशिया में बहुआयामी खेल खेल रहा है। वह भारत को कमजोर करना चाहता है। भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध में है और म्यांमार को नया दुश्मन नहीं बनाना चाहता है।

म्यांमार ने अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग की मांग की 

दक्षिण पूर्वी एशिया के तमाम देश चीन के खिलाफ हो गए। इन देशों में अब म्यांमार भी शामिल हो गया है। म्यांमार के सेना प्रमुख ने तल्ख लहजे में चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह यहां के आतंकी समूहों को हथियार न दे। आर्मी चीफ ने इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की भी मांग की। 

आतंकी समूह के पीछे मजबूत ताकतें मौजूद

रूस के सरकारी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में म्यांमार के आर्मी चीफ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा कि उनकी धरती पर जो आतंकी समूह सक्रिय हैं उनके पीछे मजबूत ताकतें मौजूद हैं। उन्होंने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी मांग की। आर्मी चीफ के 'मजबूत ताकतों' को चीन के परिपेक्ष्य में जोड़कर देखा जा रहा है। बाद में म्यांमार के सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल जॉ मिन टुन ने आर्मी चीफ द्वारा की गई टिप्पणी पर विस्तार से बताया। प्रवक्ता ने कहा कि सेना प्रमुख अराकान आर्मी (एए) और अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) का जिक्र कर रहे थे। यह दोनों आतंकी संगठन चीन से सटे पश्चिमी म्यांमार में राखिन राज्य में सक्रिय संगठन हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.