Move to Jagran APP

कभी ऊंट बेचता था ये शख्स, अब सूडान की सत्ता पर बनाई पकड़

खारतूम में जनरल की पकड़ को देखते हुए कई लोग उन्हें ही सूडान का अघोषित शासक मान रहे हैं। वो प्राथमिक स्कूल तक पढ़े हैं और बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के अपनी अघोषित सत्ता से खुश हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 12:14 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 12:14 AM (IST)
कभी ऊंट बेचता था ये शख्स, अब सूडान की सत्ता पर बनाई पकड़
कभी ऊंट बेचता था ये शख्स, अब सूडान की सत्ता पर बनाई पकड़

खारतूम, एजेंसी। कभी ऊंट का व्यापार करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद हमदान ने अब सूडान की सत्ता पर पकड़ बना ली है। दारफूर में हिंसक विद्रोही संगठन की कमान भी कथित तौर पर हमदान के हाथ में ही थी। अब उनके नेतृत्व में ही राजधानी खारतूम में लोकतंत्र समर्थकों के खिलाफ रैपिड सपोर्ट फोर्सेज की हिंसक कार्रवाई जारी है।

loksabha election banner

बीते तीन जून से शुरू हुई कार्रवाई में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। नील नदी से 40 से ज्यादा शव बरामद किए गए हैं। कई महिलाओं ने सैनिकों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इन सब आरोपों से परे हमदान अपने रुतबे का आनंद ले रहे हैं। राजधानी में वर्चस्व के चलते सूडान पर अघोषित रूप से उनकी सत्ता कायम है।

सेना ने 30 साल तक सत्ता में रहे राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का अप्रैल में तख्तापलट कर दिया था। उसके बाद सत्ता सेना के हाथ में चली गई थी और आधिकारिक तौर पर जनरल अब्देल फतह-अल बुरहान उसके नेता हैं।

हालांकि, राजधानी खारतूम में हमदान की पकड़ को देखते हुए कई लोग उन्हें ही सूडान का अघोषित शासक मान रहे हैं। महज प्राथमिक स्कूल तक पढ़े और बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के हमदान अपनी अघोषित सत्ता का आनंद उठा रहे हैं।

उनकी चार पत्नियां हैं। सैन्य मुख्यालय में स्थापित उनके कार्यालय में लोगों को तांता लगा रहता है। पूर्व सैन्य अधिकारियों को मिले पदक और सुनहरी तलवारें हमदान के आसपास सजी हैं। अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को हमदान विपक्षियों की साजिश बताकर खारिज कर देते हैं।

बशीर का दायां हाथ रहे हैं हमदान
हमदान जिन्हें हेमेती के नाम से भी जाना जाता है, कई वर्षो तक पूर्व राष्ट्रपति बशीर का दायां हाथ रहे थे। अप्रैल में हुए आंदोलन में उन्होंने खुद को बशीर से अलग करते हुए कहा था कि वह भी आंदोलन के पक्ष में है।

खुद को बताते हैं सूडान का संरक्षक
हमदान और उनके लड़ाकों पर लोकतंत्र समर्थकों की हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि, हमदान खुद को सूडान का संरक्षक बताते हैं। उनका कहना है कि यदि उन्होंने परिस्थिति ना संभाली होती, तो सूडान नष्ट हो गया होता।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.