समुद्र में डूबा ईरान का जलता तेल टैंकर, मीलों तक आसमान में फैला धुएं का गुबार
रविवार को टैंकर डूबने के बाद उसमें भरा तेल फैलने की जानकारी सामने आई। समुद्र तल से तेल हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
टोक्यो (रायटर)। करीब आठ दिन तक जलने के बाद ईरानी तेल टैंकर अंतत: पूर्वी चीन सागर में डूब गया। इससे करीब दस मील लंबे इलाके में समुद्र की सतह पर तेल फैल गया है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान की आशंका पैदा हो गई है। तेल जलने में पैदा हुआ धुएं का गुबार अभी भी इलाके के आकाश में बना हुआ है।
दस मील लंबाई में फैला तेल
चीन के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक समुद्र में दस मील लंबाई में फैला तेल एक से चार मील तक चौड़ाई में है। इससे मछलियों, पक्षियों और अन्य जीवों के जीवन को खतरा पैदा हो गया है। रविवार को टैंकर डूबने के बाद उसमें भरा तेल फैलने की जानकारी सामने आई। समुद्र तल से तेल हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। सांची नाम के इस तेल टैंकर में 1,36,000 टन अति ज्वलनशील तेल था।
चालक दल के सभी 32 सदस्यों के मारे जाने की आशंका
छह जनवरी की रात खाद्यान्न भरे जहाज से टकराने के बाद टैंकर में आग लग गई थी। टैंकर के चालक दल के सभी 32 सदस्यों के मारे जाने की आशंका है। इनमें से तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं। ईरान ने कुछ यात्रियों के मारे जाने की भी आशंका जताई है। इस आशंका के बावजूद इलाके में बचाव अभियान जारी है। दुर्घटना चीन की जल सीमा में हुई थी लेकिन तेज हवा के थपेड़ों के चलते तेल टैंकर पानी के साथ बहता हुआ 25 मील दूर जापान की जल सीमा में पहुंच गया था।
इससे पहले सन 1991 में अंगोला के तट पर 2,60,000 टन तेल जहाज में हुए तेज रिसाव से समुद्र में फैल गया था। उससे हटाने में काफी मुश्किल हुई थी। विशेषज्ञों के अनुसार टैंकर के ईंधन बॉक्स में भरे तेल और इंजन में भरे तेल से पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।
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