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पहले भी हादसों का शिकार हो चुके हैं Boeing 737 विमान, दुनियाभर की एयरलाइंस फिर भी कर रहीं उपयोग

दशकों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे ईरान के हवाई बेड़े में शामिल ज्यादातर विमान अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 09:45 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 09:54 PM (IST)
पहले भी हादसों का शिकार हो चुके हैं Boeing 737 विमान, दुनियाभर की एयरलाइंस फिर भी कर रहीं उपयोग
पहले भी हादसों का शिकार हो चुके हैं Boeing 737 विमान, दुनियाभर की एयरलाइंस फिर भी कर रहीं उपयोग

कीव, रायटर। अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग का 737-800 विमान पहली बार इस तरह के भीषण हादसे का शिकार नहीं हुआ है। मार्च, 2016 में फ्लाई दुबई का इसी तरह का विमान रूस में उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उसमें सवार सभी 62 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह मई, 2010 में एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा संचालित 737-800 विमान ने दुबई से उड़ान भरी थी और मंगलुरु में उतरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में भी विमान में सवार 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

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कम और मध्यम दूरी की उड़ानों के लिए प्रयोग किया जाता है यह विमान

दो इंजन वाला बोइंग 737-800 विमान मध्यम से कम दूरी की उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है। दुनिया भर की एयरलाइंस इस तरह के हजारों विमानों का फिर भी उपयोग कर रही हैं। इस तरह के विमान का पहली बार उपयोग 1990 के उत्तरार्ध में शुरू किया गया था। यह बोइंग 737 मैक्स की तुलना में एक पुराना मॉडल है, जिसे दो भीषण हादसों के बाद लगभग 10 महीने पहले सभी विमानन कंपनियों ने अपने परिचालन से बाहर कर दिया था।

हादसे के बारे में जुटा रहे और जानकारी: बोइंग

अमेरिका के शिकागो स्थित विमान निर्माता कंपनी बोइंग के प्रवक्ता माइकल फ्रीडमैन ने कहा कि वह घटना के संबंध में और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। खास बात यह है कि बोइंग सहित अन्य विमान निर्माता कंपनी हादसे की जांच में सहयोग करती हैं, लेकिन ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते इस मामले में अभियान प्रभावित हो सकता है।

अपनी उम्र पार चुके हैं ईरान के ज्यादातर विमान

दशकों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे ईरान के हवाई बेड़े में शामिल ज्यादातर विमान अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। यही वजह है कि वहां नियमित रूप से हवाई दुर्घटनाएं होती हैं। कुछ समय पहले बोइंग और एयरबस ने ईरान को विमान बेचने की पहल की थी, लेकिन ईरान के साथ हुई संधि से ट्रंप के अचानक बाहर निकल आने के बाद यह सौदा ठंडे बस्ते में चला गया।


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