हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ पालिटेक्निक में भारी सन्नाटा, छावनी में तब्दी हुआ कैंपस
हांगकांग के पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय (पॉलीयू) में अब छात्र नहीं भारी पुलिस बल तैनात हैं। पूरे परिसर मे मातम और सन्नाटा है।
हांगकांग, एजेंसी । छह दिन तक हांगकांग में भारी हिंसा और आंदोलन के बीच अब सन्नाटा पसरा है। पूरा हांगकांग छावनी में तब्दील हो गया है। हांगकांग के पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय (पॉलीयू) में अब छात्र नहीं भारी पुलिस बल तैनात हैं। पूरे परिसर मे मातम और सन्नाटा है। छात्रों के लिए बनी रसाई में कॉकरोचों का अड्डा बन चुका है। छात्रों से चहल पहल रहने वाली विश्वविद्याल खामोश है।
बता दें छह दिनों तक पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय (पॉलीयू) में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव बना हुआ था। उस वक्त हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ पालिटेक्निक में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। पुलिस ने विश्वविद्यालय को चारों तरफ से घेर रखा था और जो भी बाहर निकलता है उसे वे गिरफ्तार कर रहे थे। इस हिंसा को लेकर अमेरिका ने भी चिंता जाहिर की थी।
हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लाम ने कहा था कि 600 लोग यूनिवर्सिटी परिसर से निकल चुके हैं, इनमें से 18 साल से कम आयु वर्ग के 200 किशोर भी शामिल थे। बता दें कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मनाने के लिए दो मध्यस्थों को भी सोमवार देर शाम विवि के अंदर भेजा था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने विवि परिसर छोड़ने से इंकार कर दिया था।
मुख्य कार्यकारी ने कहा था कि जो प्रदर्शनकारी 18 साल से कम आयु के थे, उन्हें तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा लेकिन बाद में उनको आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। विवि से बाहर निकले 400 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सलाहकारों के साथ साप्ताहिक बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि वह विवि परिसर में मौजूद बाकी प्रदर्शनकारियों को बाहर आने के लिए मनाने की हर तरह की कोशिश करेंगी ताकि जितनी जल्दी हो सके इस पूरे अभियान को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त कराया जा सके।
बता दें कि प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर पांच महीने पहले शुरू हुआ था आंदोलन विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर हांगकांग में पांच महीने पहले शुरू हुआ प्रदर्शन अब लोकतंत्र और स्वायत्तता की मांग को लेकर जोर पकड़ने लगा। यह आंदोलन अब विश्वविद्यालयों में फैल गया। पिछले सप्ताह एक प्रदर्शनकारी छात्र की मौत के बाद यह विरोध और हिंसक हो गया था।